पांच राज्यों में होने हैं चुनाव, हिंदी भाषियों का आक्रोश डूबा न दे कांग्रेस को!
सिटी पोस्ट लाइव : देश का आम चुनाव साल 2019 के अप्रैल से मई के बीच होना लगभग तय है लेकिन इससे पहले 2018 के अंत तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सारी पार्टियां अपनी राजनीतिक समीकरण बैठाने की कोशिश कर रही हैं। जानकारों की माने तो पांच राज्यों के इन विधानसभा चुनाव में आने वाला परिणाम का असर सीधे लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। इन राज्यों में इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इन राज्यों में भाजपा कई वर्षों से सत्ता पर काबिज इसलिए सरकार के खिलाफ एंटी-इंकम्बैंसी भाजपा की राहें मुश्किल कर सकती है। वहीं बात की जाए कांग्रेस कि तो चुनाव दर चुनाव विलुप्त होती कांग्रेस के लिए उनके अपने नेता ही समस्या पैदा कर रहे हैं।
जानकारों की माने तो गुजरात में जिस तरीके से हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा में कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर का नाम सामने आया है, इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पर सकता है। खासकर अगर बात मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की बात करें तो इन प्रदेशों में कांग्रेस को नुकसान उठाना पर सकता है। इसके अलावा इन प्रदेशो में बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग रहते जिनका मत कुछ हद तक चुनाव परिणाम पर असर डाल सकता है।
गौरतलब है कि उत्तर भारतीय के खिलाफ हो रहे हिंसा के बाद भारी संख्या में यूपी और बिहार के लोगों ने गुजरात छोड़ दिया जिसके वजह से यहां उद्योग पर इसका खास असर हुआ है। वहीं इस घटना के पीछे कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर का नाम आने के बाद ये मुद्दा औ गरमा गया है। वहीं मध्यप्रदेश में दुबारा सत्ता हासिल करना भाजपा के लिए भी टेढ़ी खिड़ है SC/ST पर सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए फैसले को सरकार द्वारा संशोधित करने के बाद देश भर के सवर्ण भाजपा का विरोध कर रहें है। एमपी में तो कई जगह दोनों ही पार्टी के नेताओं को काला झंडे तक दिखाए गए।
नई दिल्ली से आशुतोष झा की रिपोर्ट
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