City Post Live
NEWS 24x7

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में चिराग को नहीं मिली जगह तो बदल जायेगी बिहार की राजनीति

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : मोदी  कैबिनेट के विस्तार का बिहार की राजनीति पर बहुत गहरा असर पड़नेवाला है. सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि मोदी अपने कैबिनेट में एलजेपी के किस गुट को प्रमुखता देते हैं यानी किसको जगह देते हैं. अगर उन्होंने चिराग पासवान को जगह दे दी तब तो बिहार में कुछ भी नहीं बदलेगा लेकिन अगर चिराग  की जगह उनके चाचा पशुपति पारस को मंत्री बनाया तो बिहार की राजनीति बदल जायेगी. यहीं कारण है कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव पर सबकी नजर टिकी है. लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की राजनीति की जगह धीरे-धीरे युवा नेतृत्व सामने आ रहा है. राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच तेजस्वी यादव और चिराग पासवान को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. क्या ये दोनों युवा नेता मिलकर अपने राजनीतिक दुश्मनों को निबटा पाएंगे, इस पर लोग बात कर रहे हैं.

तेजस्वी यादव और चिराग पासवान दोनों के राजनीतिक दुश्मन नीतीश कुमार हैं. चिराग, नीतीश कुमार को जेल भिजवाने तक की बात कहते रहे हैं और तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को घोटालों का पितामह कहते हैं. चिराग पासवान को अगर मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती है तो वो तेजस्वी यादव से हाथ मिलाकर लोक सभा चुनाव को तो प्रभावित करेगें ही बीजेपी को भी सत्ता से बेदखल कर सकते हैं.रामविलास पासवान, चिराग के कहने पर ही BJP के साथ गए. हालांकि, रामविलास पासवान इसलिए जाने जाते हैं कि उन्होंने गोधरा के बाद केन्द्रीय मंत्री पद से त्याग-पत्र दिया था.उस समाजवादी राजनीतिक धारा को आगे बढ़ाते हुए चिराग को तेजस्वी के आमंत्रण पर विचार करना चाहिए.

चिराग में लीडरशिप के गुण ज्यादा, वे ज्यादा सोशल भी दिखते हैं. तेजस्वी यादव और चिराग पासवान में ज्यादा समझदार चिराग पासवान लगते हैं. चिराग में लीडरशिप के गुण ज्यादा हैं. उन्होंने जो ठान लिया वह कर दिखाया. वे 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी में हैं. चाचा के विद्रोह के बावजूद दिखाया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी उनके साथ है.अगर वो तेजस्वी यादव के साथ चले गये तो महागठबंधन को हराना NDA के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगा.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.