मोकामा BDO के एक पत्र को लेकर कैसे विपक्ष के निशाने पर आ गई है सरकार?
तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार पर कर दिया है बड़ा हमला.
मोकामा BDO के एक पत्र को लेकर कैसे विपक्ष के निशाने पर आ गई है सरकार?
सिटी पोस्ट लाइव : मोकामा प्रखंड विकास पदाधिकारी के दफ्तर से निकले एक सरकारी पत्र को लेकर बिहार की राजनीति में बवाल मच गया है. इस सरकारी पत्र से ये लगता है कि बिहार में NRC लागू हो चूका है और उसके तहत काम भी शुरू करने की तैयारी चल रही है. दरअसल, ये पत्र निकाला गया है NPR को लेकर लेकर लेकिन NPR की जगह लिख दिया है NRC. इसी शब्द को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है. अब इसी पत्र को आधार बनाते हुए बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सफेद झूठ बोल रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने इस पत्र को संलग्न करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, NRC-NPR पर पकड़ा गया श्री नीतीश कुमार जी का सफ़ेद झूठ. बिहार में शुरू हो चुका है NRC-NPR का काम. अधिकारी की चिट्ठी ने खोला राज. अभी NPR का कार्य किसी भी प्रदेश में शुरू नहीं हुआ है, लेकिन बिहार में NRC की प्रक्रिया नीतीश जी ने शुरू कर दी. अब आपको तय करना है असली संघी कौन है? गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी इसी चिट्ठी को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा था कि नीतीश कुमार जी कहते हैं कि सूबे में एनआरसी लागू नहीं होगा और सरकारी फाइलों में एनआरसी का काम शुरू भी हो गया है. उन्होंने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए लिखा कि फिर से किसी केस के नाम पर अमित शाह ने आपको डरा दिया क्या?
दरअसल, प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) मोकामा द्वारा प्रेषित पत्र में तीन स्कूलों के प्रिंसिपल को संबोधित करते हुए जनगणना 2021 के प्रथम चरण में एनआरसी लागू करने के लिए फील्ड ट्रेनरों के लिए शिक्षकों की सूची मांगी गई है. उस पत्र में NRP की जगह बारबार NRC का जिक्र किया गया है. ये मिस्टेक है या कुछ और ,जांच के बाद ही पता चल पायेगा. सच जो भी हो राज्य सरकार को इस पत्र को लेकर सफाई तो देनी ही पड़ेगी.गौरतलब है 18 जनवरी 2020 को निर्गत किए गए इस पत्र का पत्रांक 33 है. लेकिन सिटी पोस्ट इस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
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