पार्टी में अपनी उपेक्षा से भड़के लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप कहा कि मैंने अपने जिगर के टुकड़े तेजस्वी को आरजेडी का युवराज घोषित किया, लेकिन बदले में मुझे सिर्फ अपमान मिला है. पार्टी के नेता मेरी बात नहीं सुनते .पार्टी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बन गई है. कुछ लोग हम दोनों भाइयों को लड़ाना चाहते हैं.
सिटी पोस्ट लाईव :आरजेडी के अन्दर लालू यादव की राजनीतिक विरासत को लेकर जंग छिड़ गई है.वैसे यह जंग अंदरखाने पीछालिबार नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाने के समय से ही चल रही थी.लेकिन अब बाहर आ गई है.सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार लालू यादव की सरकार में तेजप्रताप यानी लालू के बड़े बेटे को ये मंजूर नहीं था कि वो केवल मामूली मंत्री बनें और छोटा भाई उप-मुख्यमंत्री .इसको लेकर तेजप्रताप ने काफी बवाल भी किया था.लेकिन तब लालू यादव ने उन्हें तीन तीन विभाग का मंत्री बनाकर उन्हें शांत कर दिया था.लेकिन अब तेजप्रताप को जब लग रहा है कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बन सकते हैं,उन्होंने अपने छोटे भाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शनिवार को तेजप्रताप ने कहा कि मैंने अपने जिगर के टुकड़े तेजस्वी को राजद का युवराज घोषित किया, लेकिन बदले में मुझे सिर्फ अपमान मिला है. तेजप्रताप ने कहा कि आरजेडी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बन गया है. कुछ लोग हम दोनों भाइयों को लड़ाना चाहते हैं. इससे पहले तेजप्रताप ने शुक्रवार को ट्वीट करके राजनीति से संन्यास लेने तक की इच्छा तक जाता दी थी .उन्होंने ट्विट किया ”मैं अर्जुन को हस्तिनापुर सौंप कर द्वारका चला जाना चाहता हूं. लेकिन, फिर चुगली करने वालों को परेशानी होगी कि कहीं मैं किंगमेकर नहीं कहलाऊं”.
तेजप्रताप के इस ट्विट के बाद मिडिया वाले तेजप्रताप का रिएक्शन लेने को बेताब हो गए.तेजप्रताप ने ये बेताबी दूर भी कर दी.उन्होंने कहा कि मैंने अपने मन की पीड़ा अपनी पत्नी एश्वर्या राय से भी शेयर किया तो वह यह सुनकर शॉक्ड रह गई. तेजप्रताप ने कहा, ”पार्टी में मेरी बातें कोई नहीं सुनता है.आरजेडी के नेता मेरे फोन का कोई रिस्पॉन्स तक नहीं देते हैं. छात्र आरजेडी के लोग पार्टी के लिए जमीन पर काम करते हैं. जनता की सेवा अपना पैसा लगा कर करते हैं, लेकिन उन्हें तब्बजो नहीं दी जाती.”
तेजप्रताप ने अपने साथ हुए बुरे बर्ताव के बारे में कहा कि राजेंद्र प्रसाद नाम के एक नेता को पार्टी में सम्मान दिलाने के लिए मैंने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे से कहा, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी. तेजस्वी से बात करने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ. आखिरकार मैंने अपने पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी से बात की और तब मेरी बात सुनी गई.
तेजप्रताप यहीं नहीं रुके बल्कि यहाँ तक कह दिया कि आरजेडी में असामाजिक लोग भरे जा रहे हैं. पार्टी में ऐसे नेताओं की तादाद बढ़ती जा रही है जो लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के साथ मेरा, तेजस्वी यादव और मीसा भारती का नाम बेच रहे हैं. ऐसे नेता पार्टी को डूबाने में लगे हैं. तमाम अपमान और उपेक्षा के बावजूद तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है. मैंने ही गांधी मैदान की रैली में तेजस्वी को राजद का युवराज बनाने की घोषणा की थी और उसपर आज भी कायम हूँ .लेकिन अपना अपमान और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं.
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