होली को अपने रंग में रंगते थे लालू, सियासत की कुर्ताफाड़ होली मिस कर रहा बिहार
सिटी पोस्ट लाइवः राजद सुप्रीमो लालू यादव। आज मुश्किलों में घिरे हैं। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और बेहद बीमार होने की वजह से लंबे वक्त से रांची के रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। लेकिन लालू सिर्फ सियासत के खेल में माहिर नहीं रहे हैं बल्कि पर्व-त्योहरों पर उनकी संजीदगी देखते हीं बनती थी। खासकर लालू स्टाईल होली यानि कुर्ताफाड़ होली तो खूब मशहूर रही है। दरअसल राजनीति से हट कर भी लालू ऐसा करते रहे हैं जिसने उन्हें लालू बनाया है। होली मस्ती और मनोरंजन का भी त्योहार है लेकिन जिसने लालू के साथ होली खेली या फिर जो लालू की कुर्ताफाड़ होली का हिस्सा रहा उसके अंदर यह यकीन और पुख्ता हुआ कि वाकई होली मस्ती और मनोरंजन का हीं त्योहार है क्योंकि जब बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा रंगो से पुता हुआ नजर आता था तो होली क्या होली होती थी।
क्या नेता, क्या पत्रकार और क्या कार्यकर्ता सब बराबर और सब रंगो से पुते हुए।, होली की मस्ती में मदहोश, सियासत के नफे-नुकसान की फिक्र छोड़ कर खालिस मस्ती में डूबे लालू दूसरों का भी कुर्ता फाड़ते और खुद का भी फड़वा लेते। लालू आवास की उस कुर्ताफाड़ होली को राजद नेता और कार्यकर्ता आज भी याद करते हैं। उस दौरान लालू खुद दरवाजे पर ढोल-मंजीरा लेकर गाने बैठ जाते थे। नेता-कार्यकर्ता उनका साथ देेते थे। सब अपने-अपने राग में फाग गाते थे।
राबड़ी देवी भी सबका साथ देती थीं। लालू यादव की होली का वह रंग 1997 से 2000 तक चलता रहा। इसमें नेता-कर्यकर्ता सुबह सात बजे से ही पहुंचने लगते थे। पहले रंग का दौर चलता था, फिर दोपहर बाद कुर्ताफाड़ होली शुरू होती थी। बड़ा हो या छोटा, सभी के कुर्ते फाड़ दिए जाते थे। नेता-कार्यकर्ता लालू का भी कुर्ता फाड़ देते थे। इस दौरान गोबर व कीचड़ से सने लोग तरह-तरह के रंगों से सराबोर रहते थे। लालू कुर्ता फाड़कर होली खेलते थे और राबड़ी उनपर रंग डालतीं रहतीं थीं। वे भी जमकर होली खेलतीं थीं। बिहार आज लालू की उस कुर्ताफाड़ होली को बहुत मिस कर रहा हैं क्योंकि बिहार में होली होगी और उसमें लालू रंग जमाते नजर नहीं आएंगे तो वो होली कई मायनों में बेरंग हीं कही जाएगी।
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