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पटना-बिहटा एअरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला.

राज्य सरकार को दिया निर्देश, पटना-बिहटा के विकल्प में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर करें विचार.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहटा एअरपोर्ट को लेकर पटना हाईकोर्ट ने अभूतपूर्व फैसला दिया है.कोर्ट ने सरकार को पटना और बिहटा हवाई अड्डा के विकल्प के तौर पर राज्य के अंदर एक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया है. पटना हाईकोर्ट ने शनिवार को केंद्र और राज्य सरकार को ऐसा आदेश दिया. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने अभिजीत कुमार पांडे की जनहित याचिका को आंशिक तौर पर मंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया.

हाईकोर्ट ने कहा कि छोटी हवाई पट्टी के ऊपर बड़े हवाई जहाज नहीं जा सकते हैं, इसीलिए बिहार को एक बड़े ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की अदद जरूरत है. गौरतलब है कि बिहार में अभी एक भी ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा नहीं है. तमाम हवाईअड्डे या नही तो वायुसेना की या पुरानी हवाईपट्टियों पर कार्यरत हवाई अड्डे हैं. हाईकोर्ट ने पिछली 20 दिसम्बर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे शनिवार को सुनाया.

यह पहला मामला है, जिसमें पटना हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को सूबे में एक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने हेतु विचार करने का निर्देश दिया है. ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट उस किस्म का हवाई अड्डा है जो नए सिरे से बहुतयात जमीन पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के तौर पर सभी सुविधाओं के साथ तैयार होता है. मुख्य न्यायाधीश करोल की खंडपीठ ने केंद्र की इस दलील को ठुकरा दिया कि बिहार में हवाईअड्डा का निर्माण जनहित का मामला नहीं है.

बिहटा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा वहां के रनवे के दोनों तरफ बसे गांव हैं. रनवे के पूरब के तरफ जहां शर्फुद्दीनपुर गांव है, वहीं पश्चिम के तरफ कोरहर है. अभी रनवे की लंबाई 8200 फीट है पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की श्रेणी में लाने के लिए रनवे की लंबाई 12 हजार फीट होनी चाहिए. ऐसे में 3800 फीट रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए किसी एक तरफ के गांव को शिफ्ट करने के सिवा कोई विकल्प नहीं है.

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