सिटी पोस्ट लाइव, रांची: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झंडोत्तोलन किया और मिलीजुली परेड की सलामी लेने के साथ कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्थानीयता को पुनः परिभाषित करने के लिए उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की, साथ ही सरकारी नौकरियों में एसटी, एससी और अन्य पिछड़े वर्ग को नौकरियों में आरक्षण तथा संविदा कर्मियों की समस्याओं के समाधान को लेकर भी उच्चस्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह को सुबोधित करते हुए कहा कि राज्य की सरकारी नियुक्ति में अन्य पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह और समाज कल्याण विभाग में अनुबंध कमी कार्यरत है, सरकार गठन के पूर्व ही संविदा संवाद कार्यक्रम में इनकी समस्याओं के निराकरण का वादा किया था, सरकार ने विभिन्न विभागों में अनुबंधित कर्मियों की समस्याओं को समझते हुए व्यापक निर्णय लेने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में स्थानीयता की जो परिभाषा दी गयी है, वह राज्य के आंदोलनकारियों के सपने और यहां के मूलवासियों-आदिवासियों की मांग के अनुरूप नहीं है। सरकार बहुसंख्यकों की भावना के अनुरुप स्थानीय को पुनः परिभाषित करने के उद्देश्य से एक समिति का गठन करेगी। इसके साथ ही ही निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी स्थानीय लोगों के लिए कम से कम 75 प्रतिशत पद आरक्षित करने के लिए नियम बनाने का काम सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना से उत्पन्न स्थिति ने पूरे देश के सामने विस्थापन और श्रमिकों की समस्या को उजागर कर दिया है। पहली बार मजदूरों की विकराल समस्या और उनकी संख्या की ओर ध्यान गया है। दूसरे राज्यों में जाकर काम करने को विवश मजदूर साथियों को अपने राज्य में ही काम उपलब्ध करवाने के दीर्घकालीन लक्ष्य के साथ सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम कर रही है। श्रमिकों को लगातार रोजगार नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ नामक एक नई संस्था का गठन किया गया है, इस समस्या के निदान के लिए यह संस्था श्रमिक साथियों को सुरक्षित और सतत् रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ उन्हें और उनके परिजनों के कल्याण के लिए भी काम करेगी। वहीं शहरी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना प्रारंभ की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट में स्वास्थ्य सविधाओं में सुधार को लेकर उठाये गये कई कदमों का ब्यौरा देते हुए कहा कि पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल तथा पाटलिपुत्रा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का नाम परिवर्तित करे हुए शहीद निर्मला महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी की इस घड़ी में पठन-पाठन अवरूद्ध न हो, इसके लिए अप्रैल 2020 से ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था डीजी साथ कार्यक्रम के अंतगत की जा रही है,जिससे 14 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पांच हजार विद्यालयों को शिक्षक-छात्र अनुपात, प्रशिक्षक सहित खेल का मैदान, पुस्तकालय समेत सभी सुविधाओं से युक्त सोबरन मांझी आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। राज्य में डिजिटल माध्यम से अध्ययन-अध्यापन को प्रोत्साहन देने के लिए झारखंड एजुकेशन ग्रीड के अंतर्गत झारखंड सेंटर फॉर डिजिटल लर्निंग की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही नयी खेल नीति लागू करने जा रही है। जबकि रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत रनवे की लंबाई 900 मीटर से बढ़ाकर 1200 मीटर करने का प्रस्ताव है। इसके लिए 301 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन बहुत पुरानी परंपरा है, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना प्रारंभ करने जा रही है। वन संपदा के माध्यम से लोगों के सशक्तीकरण के लिए सिद्धो-कान्हो मुर्मू एवं वनोत्पाद सहकारी महासंघ के गठन का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार हो, कुड़ुख एवं मुंडारी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयासरत है और इसे लेकर ठोस अनुशंसा के साथ भारत सरकार को भेजने की कार्रवाई की जा रही है। उपराजधानी दुमका में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुर्मू ने झंडोत्तोलन के साथ मिलीजुली परेड की सलामी ली। वहीं जिला मुख्यालयों में मंत्रीगण और उपायुक्तों ने तिरंगा फहराया। इस मौके पर कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गय। समारोह में कोरोना वायरस को मात देने वाले लोगों को भी इस बार विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, वहीं कोरोना वायरस स ंक्रमण के कारण इस बार आम लोगों को राजकीय समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया।
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