रांची: झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को रिम्स में इलाज की दयनीय स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रिम्स की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी।
खंडपीठ ने रिम्स की ओर से दायर रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश का अनुपालन नहीं करने पर रिम्स प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी जतायी। खंडपीठ ने रिम्स निदेशक को शो कॉज नोटिस जारी किया है। इसके साथ पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जाए। पिछले दिनों रिम्स में स्वीकृत एवं रिक्त सभी पदों पर चार माह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था।
आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दे रहा रिम्स
हाई कोर्ट ने कहा कि रिम्स ने रिव्यू पिटीशन दायर कर कोर्ट का समय लिया। कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है। अदालत जल्द से जल्द रिम्स में खाली पदों पर नियुक्ति कराना चाहता है, जबकि रिम्स आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दे रहा है। ऐसा नहीं चलेगा। निर्देश के बाद भी रिम्स ने आदेश का अनुपालन नहीं किया।
जून में शुरू होगा जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन का संचालन
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पूछा कि जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन का संचालन अब तक क्यों नहीं शुरू किया गया। राज्य सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बताया कि जून में जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन का संचालन शुरू हो जाएगा।
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