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हेमंत पहुंचे महाप्रभु जगन्नाथ के द्वार, रथयात्रा पर रोक के लिए मांगी क्षमा

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव पर अंकुश को लेकर सरकार की ओर से इस वर्ष रांची के प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा मेले की स्वीकृति नहीं दी गयी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिर में पारंपरिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गयी। सादगी से हो रही पूजा-अर्चना के बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दोपहर बाद जगन्नाथपुर मंदिर पहुंचे और मंदिर के द्वार पर शीश झुका कर ईश्वर की प्रार्थना की और रथयात्रा की अनुमति नहीं दे पाने को लेकर अपने निर्णय के लिए महाप्रभु से क्षमा प्रार्थना की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट के कारण इस वर्ष रथयात्रा की सभी रस्म नहीं हो पायी, लेकिन आस्था के अनुरूप सभी ने महाप्रभु से सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना की।

उन्होंने कहा कि संक्रमण के इस दौर में लोगों ने संकट से निपटने में सहयोग दिया, रथयात्रा से भी लोग भावनात्मक रूप से जुड़े है, सदियों से चली आ रही स्थापित परंपरा के राज्य और देशवासियों ने संकमण से बाहर निकलने में कामयाबी पायी है। उन्होंने कहा कि झारखंड तेजी से मुश्किल से निकलने के राह पर है, भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से राज्य में शांति का माहौल है। धीरे-धीरे कोरोना से जंग जीतने के भी पहुंच रहा है, भगवान जगन्नाथ से उम्मीद है और प्रार्थना है कि जल्द ही इस संकट से लोगों को मुक्ति दिलाये। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जगन्नाथ मंदिर पहुंचे, लेकिन मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर से ही शीश झुका कर प्रार्थना की। मौके पर मंदिर के पुजारी ने गृर्भगृह के बाहर में ही विधि-विधानपूर्वक पूजा संपन्न करायी। हेमंत सोरेन हरवर्ष रथयात्रा मेले में पूजा-अर्चना के पहुंचते थे, इसवर्ष भी मंदिर पहुंचे, लेकिन प्रशासनिक आदेश के तहत मंदिर का पट आम लोगों के लिए बंद रखने के आदेश के कारण उन्होंने मंदिर के बाहर से ही प्रार्थना कर वापस लौट गये।

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