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क्या मार्गदर्शक मंडल में भेज दिये गये हैं रघुवंश प्रसाद और अब्दुल बारी सिद्धकी?

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क्या मार्गदर्शक मंडल में भेज दिये गये हैं रघुवंश प्रसाद और अब्दुल बारी सिद्धकी?

सिटी पोस्ट लाइवः हाल के दिनों में तेजस्वी यादव का जो रवैया रहा है, या फिर उनके फैसलों और बयानों ने इस सवाल को वाजिब बना दिया है कि क्या रघुवंश प्रसाद सिंह और अब्दुल बारी सिद्धकी सरीखे आरजेडी के बड़े नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया है या फिर डालने की कोशिश हो रही है? इस बात के संकेत तो पहले से हीं मिलते रहे हैं कि तेजस्वी की पार्टी में बड़े नेताओं की ठीक ठाक चल नहीं रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव के अज्ञातवास से शुरू हुई आरजेडी के बड़े नेताओं की नाराजगी बदस्तुर जारी रही है। आरजेडी के बड़े नेताओं और तेजस्वी यादव के बयानों में कोई मेल नहीं दिखा है। रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्धकी और शिवानंद तिवारी इस बात के पक्षधर रहे हैं कि अगर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से लड़ना है तो नीतीश कुमार को पाले में लाने की कोशिश होनी चाहिए और बातचीत की पहल शुरू होनी चाहिए जबकि हाल के दिनों में तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार को नो एंट्री का बोर्ड दिखाने लगे।

आरजेडी के बड़े नेता जिसे सबसे कारगर रणनीति मानते रहे तेजस्वी यादव ने उसे खारिज कर दिया। रघुवंश प्रसाद सिंह ने जब यह कहा कि नीतीश कुमार से बातचीत शुरू होनी चाहिए तो उसके अगले दिन हीं तेजस्वी यादव ने यह कह दिया कि नीतीश कुमार को महागठबंधन में लाने का सवाल हीं नहीं उठता। अब्दुल बारी सिद्धकी ने तो सोशल मीडिया पर बकायदा एक पोस्ट कर तेजस्वी यादव को इगो छोड़ने की नसीहत दी साथ हीं यह भी लिखा कि हमारे और रघुवंश बाबू की मंशा पर सवाल नहीं उठना चाहिए।इन्हीं संकेतो के जरिए यह सवाल भी आरजेडी के अंदरखाने से पनपा है कि लालू वाली आरजेडी में जिन नेताओं की हनक होती थी तेजस्वी की आरजेडी ने उन्हीं नेताओं को किनारे कर दिया। कल जब पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह से मुलाकात की तो इसे उस नाराजगी से हीं जोड़कर देखा गया जो तेजस्वी यादव के रूख से आरजेडी के बड़े नेताओं में पनपी है।

जिस तेजस्वी यादव को पप्पू यादव फूटी आंख नहीं सुहाते उन्हीं पप्पू यादव से तेजस्वी की पार्टी के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह आत्मीयता से मुलाकात करते हैं। इसलिए इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आरजेडी में एक मार्गदर्शक मंडल बन गया है और एक एक कर नेताओं को वहां डाला जा रहा है और संकेत यह भी है कि जो नेता तेजस्वी यादव की अपेक्षाओं के अनुरूप अनफिट होंगे वे मार्गदर्शक मंडल में डाल दिए जाएंगे।

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