सुशील मोदी का तेजस्वी पर अटैक, कहा- राजद के सीएम फेस पर महागठबंधन को भरोसा नहीं
सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन के भीतर भारी उथल पुथल मची हुई है. एक तरफ जहां राजद सीएम पद के लिए तेजस्वी को आगे कर चुके हैं तो वहीँ उनके घटक दल नेता प्रतिपक्ष और लालू के लाल को सीएम मानने से इंकार कर रहे हैं. अब जब महागठबंधन में रार मची हुई है तो जाहिर है राजनीति गर्म होगी ही. इसी को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव पर चुटकी लेते हुए कहा कि राजद के बड़े नेता चमकी बुखार और बाढ़ जैसी आपदा के समय जनता के बीच नहीं दिखे. सदन में जनहित का एक भी सवाल न पूछने वाले नेता केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. ऐसे ‘ट्विटर ब्वाय’ के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ने पर विपक्षी पार्टी जीरो पर आ गई. अब उन्हें नेता मानने से कांग्रेस ने भी इनकार कर दिया है.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राजद ने महागठबंधन के घटक दलों से राय लिए बिना 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जिन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया, उन पर किसी दल का विश्वास नहीं.’ उन्होंने कहा कि तेजस्वी पिछले 32 महीनों में विरोधी दल के नेता के रूप में कोई भरोसेमंद छवि नहीं बना सके. इतना ही नहीं मोदी ने लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की पत्नी से तलाक मामले की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि राजद के दो विधायक जब लालू परिवार की पीड़ित बहू के खिलाफ बयान देते हों, तब बिहार की आम बेटी-बहू इनसे क्या उम्मीद कर सकती है.
गौरतलब है कि तेजस्वी के महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने पर घटक दल आपत्ति जता चुके हैं. कांग्रेस के सदानंद सिंह ने तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार मानने से साफ इंकार कर दिया है. वहीं हम के राष्ट्रिय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कोई विरोध नहीं है, लेकिन ये फैसला महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी में होना चाहिए. गौरतलब है कि जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी लगातार कोऑर्डिनेशन कमेटी की मांग करते रहे हैं. इतना ही नहीं बिहार में मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाये जाने की मांग कर रहे हैं, जिसमें डिप्टी सीएम दलित, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज से होना चाहिए.
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