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‘प्रवासी मजदूरों की घर वापसी सुनिश्चित करे सरकार, नहीं तो भुगतना पड़ेगा खामियाजा’

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‘प्रवासी मजदूरों की घर वापसी सुनिश्चित करे सरकार, नहीं तो भुगतना पड़ेगा खामियाजा’

सिटी पोस्ट लाइवः हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लॉक टाउन लागू होने के साथ ही मजदूरों से कहा था कि जो जहां पर हैं वह वही रूके और उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया करा दी जाएगी। भोले भाले मजदूर ने उनकी बातों में आकर अपने स्थान पर रुक गए। जब लॉक डाउन का 1 सप्ताह से अधिक समय बीत गया तो मजदूरों को लगा कि अब कारखाना का मालिक भी उन्हें रखने से इंकार कर रहा है और खाना भी नहीं दे रहा। तो मजदूरों ने तो सरकार से गुहार लगाई कि हम लोगों को अपने-अपने प्रदेश भेज दे परंतु उनकी गुहार को अनसुनी कर दिया। नतीजा यह हुआ लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों से आए मजदूर अपने प्रदेश जाने से वंचित होने लगे।

मजदूर अपने सारे समान एवं साथियों, बाल-बच्चों के साथ अपने गांव के लिए निकल पड़े ‌‌। बीएल बैश्यन्त्री ने कहा कि रास्ते में उनके सामने कठिनाइयों का एक पहाड़ सामने खड़ा था कोई भूख से मर रहा था तो कोई दुर्घटना हो कर मर रहा था। इसके बाद सरकार की आंखें खुली और उन मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का इंतजाम किया परंतु ट्रेनों की संख्या इतनी कम दी गई की सारे मजदूर अपने-अपने प्रदेश जाने के लिए ट्रेनों की सवारी नहीं ले पाए कुछ ट्रेन बाद में दी गई। प्रवासी मजदूरों ने ट्रक से बस से अधिक राशि देकर अपने प्रदेश आने का आज भी प्रयास कर रहा है।बीएल बैश्यन्त्री ने कहा कि सरकार को यह चाहिए था की लोक डाउन के बाद कम से कम 2 सप्ताह तक सारे मजदूरों को विशेष ट्रेन एवं बसों से अपने-अपने प्रदेश पहुंचा देते तो इतनी भयंकर स्थिति आज देखने को नहीं मिलता। आज भी सरकार को सारी चीजों को भूल कर युद्ध स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले मजदूरों को अपना प्रदेश एवं गांव पहुंचा दे अन्यथा इसका खामियाजा सरकार को भोगना पड़ेगा।

विरोधी दलों से मेरा निवेदन है वह सभी देश के स्तर पर एक मंच पर आवे और इन मजदूरों की बेबसी और बदहाली पर के निदान के लिए कार्यक्रम बनाएं और एक साथ मिलकर वर्तमान सरकार के इस रवैया के विरुद्ध मजदूरों के लिए योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन करें ताकि इस दुख की घड़ी में विपक्षी दलों का उन्हें सहयोग मिल सके। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जीतन राम मांझी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है की दुनिया के सारे गरीब मजदूर एक हो जाए और सभी विपक्षी दल मिलकर इस समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर ढूंढे और मजदूरों के दुख में शरीक हों। असहाय मजबूर मजदूरों की मदद करना किसी भी ईश्वर की प्रार्थना करने से ज्यादा अच्छा है।

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