सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में H3N2 वायरस के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के हाथपांव फूलने लगे हैं.पटना में एक महिला इस वायरस से संक्रमित मिली है.इसके बाद अब बिहार सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है.स्वास्थ्य समिति ने वायरस को रोकने के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दी है. इसे सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेज दिया गया है.
वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बिहार सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं,-सभी जिले एवं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल OPD एवं IPD में Influenza Like Illness (ILI) और Severe Acute Respiontory Illness (SARI) के मरीजों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.SARI के randam Samples को ab confirmation के लिये RMRI पटना भेजने के लिए कहा गया है. ILI एवं SARI के cases की reporting IHIP पर करना सुनिश्चित करने और कोविड मरीजों के लिए चिन्हित आइसोलेशन वार्ड्स, ICU को तैयार रखे जाने का निर्देश दिया गया है.
H3N2 एक प्रकार का इफ्लूएंजा वायरस है, जिसे इफ्लूएंजा ‘ए’ वायरस कहा जाता है. यह एक श्वांस संबंधित वायरल संक्रमण है. इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा और लंग इन्फेक्शन के मरीज, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को है.वायरस से बचाव के लिए खांसते-छींकते समय नाक-मुंह को अच्छी तरह कवर कर रखें. इस बीमारी के लक्षण एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक तेज बुखार, काफी समय तक खांसी रहना, बलगम की परेशानी बढ़ना, नाक से पानी आना, सिर में दर्द रहना, उल्टी जैसा महसूस होना, भूख का कम होना, शरीर में दर्द रहना है.
H3N2 को लेकर पटना एम्स ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए 30 बेड को अलग से आइसोलेट वार्ड के रूप में तैयार किया है, जो कि कुछ ही घंटों में मरीज के लिए उपलब्ध हो सकता है. अभी H3N2 का एक भी केस पटना एम्स में ऐसा नहीं आया है. पटना एम्स में कीट पूरी तरह तैयार हैं.यह भारत में जनवरी से मार्च एवं मानसून के बाद आता है. यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है. इसके अलावा कैंसर के मरीज, ब्लड प्रेशर के मरीज, डायबिटीज एवं स्वास्थ्य रोग संबंधी मरीजों को इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है. इस इंफेक्शन से ऐसे मरीजों को गंभीर लक्षण हो सकते हैं.
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