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Google ने डूडल बना सबसे ज्यादा शोहरत पाने वाली मुस्लिम लेखिका को दी श्रद्धांजलि

मृत्यु के बाद उन्हें मिट्टी के नहीं अग्नि के हवाले किया गया था

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सिटी पोस्ट लाइव :  गूगल ने उर्दू की विवादित लेखिका और पद्मश्री से सम्मानित इस्मत चुग़ताई (Ismat Chughtai) के 107वें जन्मदिवस पर उन्हें डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है. 21 अगस्त, 1915 को जन्मी भारत की इस मशहूर लेखिका को ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है. वे उर्दू साहित्य की सबसे विवादित और सर्वप्रमुख लेखिका थीं, जिन्होंने महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया. उन्होंने निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम तबके की दबी-कुचली सकुचाई और कुम्हलाई, लेकिन जवान होती लड़कियों की मनोदशा को उर्दू कहानियों और उपन्यासों में पूरी सच्चाई से बयां किया.अपने साहित्यों में मुस्लिम महिलाओं की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए ऐसे मुद्दे उठातीं थीं जो समाज में एक महिला के दबे होने का संदेश देते थे. ऐसे मुद्दों पर वह खुलकर बोलतीं थीं, इस कारण वह कइ बार कट्टरपंथियों के निशाने पर आ जातीं थीं. इस्मत चुगताई का जन्म 21 अगस्त 1915 में उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था. इस्मत विवादित कहानी लिहाफ को लेकर मुकदमे का सामना भी कर चुकीं थीं, उन पर यह मुकदमा लाहौर हाईकोर्ट में में चला, हालांकि बाद में यह मुकदमा ख़ारिज हो गया. टेढी लकीर, जिद्दी,एक कतरा ए खून, दिल की दुनिया, मासूमा, बहरूप नगर, सैदाई, जंगली कबूतर, अजीब आदमी, बांदी जैसे उपन्यासों ने उन्हें काफी शोहरत दिलाई.

वह गालिब अवार्ड, साहित्य अकादमी पुरस्कार, इक़बाल सम्मान, मखदूम अवार्ड, नेहरू अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाजीं गईं. उर्दू साहित्य की दुनिया में ‘इस्मत आपा’ के नाम से विख्यात इस लेखिका का निधन 24 अक्टूबर 1991 को मुंबई में हुआ. उनकी वसीयत के अनुसार मुंबई के चन्दनबाड़ी में उन्हें अग्नि को समर्पित किया गया. उनकी इच्छानुसार दफनाने के बजाय उनका हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक अग्नि में दहन किया गया.

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