खुले मन से CAB का साथ दे, वो हमारे अपने है, अपनी मिट्टी-अपने खून के : गिरिराज सिंह
सिटी पोस्ट लाइव : राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 आज गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया. इस बिल का समर्थन जदयू ने भी किया है. अमित शाह ने कहा कि अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता. बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है। धर्म के आधार पर विभाजन सबसे बड़ी भूल है. देश की समस्यायों का समाधान लाने के लिए मोदी सरकार आई है. वहीं अब केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर मार्मिक अपील की है. उन्होंने सभी से खुले मन से CAB का समर्थन करने की अपील की है.
वहीं गिरिराज सिंह ने ट्वीट में लिखा- अखंड भारत के बिछड़े अपनो से आस लगाए है,वक्त है अपने बिछड़े परिवार,उनके बहु बेटी,उनके धर्म को बचाने का। उन्होंने आगे लिखा-खुले मन से CAB का साथ दे,वो हमारे अपने है,अपनी मिट्टी-अपने खून के है,आखिर वो कहाँ जाएंगे? अन्यथा समर शेष है,नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र, जो तटस्थ हैं,समय लिखेगा उनका भी अपराध.
बता दें राज्यसभा में जेडीयू के आरसीपी सिंह ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं। यह बिल बहुत स्पष्ट है, यह हमारे तीन पड़ोसी देशों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देता है, लेकिन यहां हमारे भारतीय मुस्लिम भाइयों पर बहस चल रही है. JDU सांसद ने कहा कि यूपीए से ज्यादा एनडीए की सरकार ने मदरसे बनाए, हमारी सरकार वेतन आयोग को आगे बढ़ा रही है.
अखंड भारत के बिछड़े अपनो से आस लगाए है,वक्त है अपने बिछड़े परिवार,उनके बहु बेटी,उनके धर्म को बचाने का।
खुले मन से CAB का साथ दे,वो हमारे अपने है,अपनी मिट्टी-अपने खून के है,आखिर वो कहाँ जाएंगे?
अन्यथा
समर शेष है,नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र,
जो तटस्थ हैं,समय लिखेगा उनका भी अपराध— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) December 11, 2019
गिरिराज सिंह ने इससे पहले एक ट्वीट में कहा था कि बँटवारे के बाद जो देशभक्त अपना सब कुछ छोड़ कर भी अपनी आस्था नहीं बदले और हिंदुस्तान वापस आ गए उन्हें अपने घर वालों ने ही शरणार्थी बना दिया ! उनकी ताक़त वोट बैंक बनने की नहीं रही लेकिन वे प्रत्येक देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और हम मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं।
बँटवारे के बाद जो देशभक्त अपना सब कुछ छोड़ कर भी अपनी आस्था नहीं बदले और हिंदुस्तान वापस आ गए उन्हें अपने घर वालों ने ही शरणार्थी बना दिया !
उनकी ताक़त वोट बैंक बनने की नहीं रही लेकिन वे प्रत्येक देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और हम मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) December 11, 2019
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