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गंडक नदी ने गोपालगंज के दर्जनों गावों में मचाई तबाही.

घरों में पानी, सड़क पर लोग.. बैलगाड़ी पर कट रही बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी, राहत बचाव कार्य जारी.

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सिटी पोस्ट लाइव :नेपाल से आ रही बारिश के पानी ने बिहार के गोपालगंज जिले को पानी पानी कर दिया है. गोपालगंज में गंडक नदी में आई उफान से बड़े पैमाने पर तबाही मचा दी है.17 गांवों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. गंडक नदी से सटे कई गांव डूब चुके हैं. सदर प्रखंड के राजवाही और गम्हारी गांव में गंडक का पानी में पहुंचने से हाहाकार मचा है. पीड़ित परिवार गोपालगंज-बेतिया स्टेट हाइवे के किनारे तंबू तानकर रहने को मजबूर हैं, वहीं एक परिवार बैलगाड़ी पर पॉलीथिन लगाकर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहने को विवश है.

राजवाही और गम्हारी गांव में गंडक नदी का पानी फैलने के बाद मवेशियों को चारे के लिए परेशानी है. चारा और मवेशियों को खिलाने के लिए बनाये गये नाद भी डूब चुके हैं. गांव में जाने और गांव से बाहर निकलने के लिए एकमात्र साधन नाव ही है. जिला प्रशासन की ओर से एक सरकारी नाव मिली है, जिससे पूरे गांव के लोगों की जिंदगी चल रही है. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इन गांवों में अधिकारियों को नाव का इंतजाम कराने और दवाओं समेत जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

बारिश और तेज धूप के बीच पीड़ित परिवारों की जिदंगी कट रही है. आसमान से बारिश आफत बनकर बरस रही है, तो नीचे गंडक नदी तबाही मचाने को आतुर है. बाढ़ पीड़ितों को खाने-पीने की परेशानी है. प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत नहीं मिली है. यहां चापाकल बाढ़ के पानी में डूब गये हैं. पीड़ित परिवारों का कहना है कि प्यास बुझाने के लिए गंडक नदी के पानी को ही गर्म करके पी लेते हैं.लोगों के अनुसार रात में अचानक गंडक नदी का पानी बढ़ा, जिसके कारण घरों से सामान को बाहर निकालने का मौका नहीं मिला. अनाज समेत सभी सामग्री घर में ही छूट गयी. खाली शरीर और बच्चों को लेकर तटबंध पर शरण लेने की मजबूरी है.

जिला प्रशासन के अनुसार गोपालगंज में 20 सरकारी नावों का परिचालन कराया जा रहा है, जो नदी के पानी से प्रभावित लोगों के लिए नाकाफी साबित हो रही है. गंडक नदी का पानी निचले इलाकों में लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज लेवल घटा है, लेकिन इसका असर 24 घंटे बाद गोपालगंज में दिखेगा. लिहाजा शनिवार की रात तक चार लाख 45 हजार क्यूसेक पानी पार कर रहा है. ऐसे हालात में कई जगह तटबंधों पर भी गंडक नदी का दबाव बना हुआ है. डीएम के साथ जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम लगातार तटबंधों पर निगरानी रख रही है.

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