विश्व हृदय दिवस पर ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क चिकित्सा एवं परामर्श सप्ताह का होगा आयोजन
सिटी पोस्ट लाइव : हृदय को स्वस्थ रखना हमारे लंबे जीवन के लिए बेहद आवश्यक ही नहीं बल्कि निहायत ही जरूरी भी है. वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण एवं अन्य कारणों के चलते हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है। पूरे विश्व में हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरूआत वर्ष 2000 में की गई थी। लेकिन वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष 29 सितंबर के दिन विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
विश्व ह्रदय दिवस 2020 के लिए थीम है ‘यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ है। हृदय का कार्य सभी अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए पूरे शरीर में रक्त पंप करना है। सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर पूरे बिहार में विश्व हृदय दिवस मनाने को लेकर 29 सितंबर से 05 अक्टूबर तक विभिन्न अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह के रूप में आयोजित करने संबंधी निर्देश दिया गया हैं. जिसके तहत ज़िला अस्पताल सहित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल के अलावे रेफ़रल, सामुदायिक, प्राथमिक व हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर निःशुल्क चिकित्सका एवं परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जाएगा.
बैनर-पोस्टर के माध्यम से किया जाएगा जागरूक:
इस दौरान सभी संस्थानों में उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष जांच शिविर आयोजित की गई हैं, जिसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदयाघात, स्वास्थ्य खान-पान के साथ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा जाएगा. इस कार्यक्रम को लेकर ज़िला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न चौक चौराहों पर रंगीन फ़्लेक्स, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग लगाया जाना है, इस कार्यक्रम को ब्यापक पैमाने पर जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी स्वास्थ्य कर्मियों, आशा कार्यकर्ताओं को दी गई हैं।
किसी भी उम्र के ब्यक्तियों को हो सकती हैं दिल की बीमारी:
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने कहा दिल की बीमारी किसी भी उम्र के ब्यक्ति को हो सकती है, चाहे वह बच्चें, नौजवान या बुजुर्ग ही क्यों नहीं हो, इस तरह के बीमारियों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती हैं. आज कल के युवाओं में हृदयाघात (हार्ट अटैक) और दिल की बीमारियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बना हुआ हैं. मात्र 10 वर्ष पहले युवाओं के बीच हृदय की समस्याओं को केवल आंकी जाती थीं, लेकिन वर्तमान के युवा वर्ग में कुछ ज़्यादा ही देखने को मिल रही हैं. हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत हैं.
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए ये उपाय सहायक हो सकते हैं :
•प्रतिदिन व्यायाम, योगा के लिए भी समय निकालें।
•सुबह और शाम के समय पैदल चलें या सैर पर जाएं।
•भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम कर लें।
•ताजे फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें
•तनावमुक्त जीवन जिएं। तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान के द्वारा इस पर नियंत्रण करें
•धूम्रपान का सेवन बिल्कुल बंद कर दें, यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है।
•स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें।
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