राज्य के पहले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट व पीओएल टर्मिनल का शिलान्यास
सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड को पेट्रोलियम मामले में आत्मनिर्भर बनाने की बुनियाद रखी। स्थानीय पुस्तकालय मैदान में उन्होंने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट और पीओएल (पेट्रोलियम आयल लुब्रिकेन्ट) टर्मिनल का शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने राज्य के औद्योगिक विकास में इन दोनों परियोजनाओं को काफी अहम बताया। उन्होंने कहा कि नए संयंत्रों के जरिये 250 ट्रकों में रोजाना परिचालन होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। 100 करोड़ की लागत से बनने वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट भी नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। गेल के जरिये घर-घर गैस पाइपलाइन के जरिये पहुंचाने की योजना भी प्रगति पर है। अभी विभिन्न प्रकल्पों में पेट्रोलियम विभाग की 10 हजार करोड़ की योजना पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश में 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन हो, जिसका नेतृत्व झारखंड करेगा तथा बोकारो अग्रणी भूमिका में रहेगा। उन्होंने कहा कि बोकारो को टाटानगर की तर्ज पर विकसित करना उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट को स्थानीय उद्योगों को साथ लेकर चलने पर बल दिया। प्रधान ने कहा कि आने वाले दिनों में औद्योगिक संपदा से उन्नत भारत बनाने में झारखंड अगुवा के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के फलस्वरूप महिलाओं को एलपीजी देने की शुरुआत 2015 में झारखंड के दुमका से शुरू हुई थी। पिछले चार साल में 37 लाख गैस कनेक्शन दिये गये। झारखंड पहला राज्य है, जहां पहले रिफिल के साथ-साथ दूसरा रिफिल भी निःशुल्क दिया जा रहा है।
गरीब मिटाकर रहेगी डबल इंजन की सरकार : मुख्यमंत्री
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी मुक्त झारखंड के निर्माण को लेकर लगातार काम चल रहा है। आने वाले समय में झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में आएगा और इस दिशा में इस्पात व पेट्रोलियम विभाग की बहुमूल्य भूमिका होगी। सरकार ने आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में अधिकाधिक पूंजी निवेश की दिशा में कार्य किया है। अकेले बोकारो जिले में 47 कंपनियों ने मोमेंटम झारखंड के तहत 4303 करोड़ के निवेश को मंजूरी दी है, जिससे 20000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का झारखंड की जनता की ओर से आभार जताया। उन्होंने कहा कि 350 करोड़ के निवेश के जरिए लगभग 1000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 2014 के बाद पिछले साढ़े चार साल में राज्य में तेल की खपत में 15 फीसदी बढ़ने से राज्य में संभावनाएं बढ़ी हैं।
रक्षाबंधन पर 42 लाख बहनों को मिलेगा तोहफा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर 42 लाख बहनों को दूसरा सिलिंडर देने का काम राज्य सरकार करेगी। इसके लिये सभी प्रमंडलों में समारोह होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के शुभारम्भ को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है तथा उनका आश्वासन भी मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिला शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त करने का भी लक्ष्य है। इसी कड़ी में सखी महिला मंडलों की महिलाओं के जरिए 500 करोड़ रुपए से रेडी टू इट बनाने का लक्ष्य है। पीएम किसान सम्मान योजना की तर्ज पर ही राज्य सरकार की योजना की उपराष्ट्रपति ने शुरुआत की है। दूसरी क़िस्त नवंबर में दी जायेगी। दिसंबर तक 3000 करोड़ रुपये 35 लाख किसानों के खाते में भेजे जायेंगे, ताकि उन्हें खाद-बीज के लिए महाजनों के चंगुल में न फंसना पड़े। इस्पात-जगत के विस्तारीकरण में भी उन्होंने सरकार के स्तर से हरसंभव सहयोग की बात कही।
घर-घर पाइप से मिलेगी गैस
सीएम ने कहा कि अगले डेढ़-दो साल में राज्य के घर-घर में पाइपलाइन के जरिये गैस मिले, इसे लेकर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी से मिले 5 करोड़ रूपये के जरिये हाइवे में भी स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी जल्द होगा। इसके पूर्व समारोह के प्रारंभ में बीपीसीएल के निदेशक (विपणन) अरुण कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया।इस मौके पर धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह, चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह, पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, बेरमो विधायक योगेश्वर महतो बाटुल सहित जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, बीपीसीएल कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।
खाली जमीन पर और उद्योगों की मांग
समारोह के दौरान जिले के सभी जनप्रतिनिधियों ने खाली पड़ी जमीनों पर और उद्योग स्थापित किये जाने की मांग की। झारखंड सरकार के मंत्री व चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी ने खाली जमीन पर बोकारो स्टील प्लांट के विस्तारीकरण के साथ-साथ पर्वतपुर कोल ब्लाक को चालू कराने की मांग की। धनबाद सांसद पीएन सिंह ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट से अभी मात्र 4.6 मिलियन टन उत्पादन हो रहा है, जबकि जमीन 10 एमटी क्षमता के हिसाब से ली गयी थी। खाली पड़ी जमीन पर 10 मिलियन टन तक के विस्तारीकरण से विस्थापितों की समस्या हल होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने खाली जमीन पर अन्य उद्योगों की स्थापना का आग्रह किया।
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