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6 योजनाओं का शिलान्यास, 21 स्मार्ट क्लासेस व दो विज्ञान केंद्रों का अधिष्ठापन

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6 योजनाओं का शिलान्यास, 21 स्मार्ट क्लासेस व दो विज्ञान केंद्रों का अधिष्ठापन 

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री ने कहा है कि गरीबी में जन्म लेना पाप नहीं है। भारत के संविधान ने गरीब को भी गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया हुआ है। ईमानदारी के साथ मेहनत करते हुए अपने जीवन को प्रशस्त करने का काम करें। मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की 6 योजनाओं का शिलान्यास तथा 21 स्मार्ट क्लासेस और दो विज्ञान केंद्रों का अधिष्ठापन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और राज्य निरंतर प्रगति करे, मां दुर्गा से यही कामना है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि त्योहार के इस पावन अवसर पर डुमरिया के सुदूरवर्ती ग्राम में सड़क एवं पुल का शिलान्यास तथा स्कूलों में विज्ञान केंद्र और स्मार्ट क्लासेज के शुभारंभ के बहुत ही सुखद प्रसंग में हम सब उपस्थित हुए हैं। सड़कें गांव को गांव और एक राज्य को दूसरे से जोड़ने का काम करती हैं। देश और समाज में विघटनकारी शक्तियों से सावधान रहते हुए जोड़ने और निर्माणकारी ताकत को अपनाना जरूरी है जिससे कि सामाजिक समरसता आए और समाज में मेलजोल बढ़े। सरकार निरंतर जोड़ने का काम कर रही है। जिससे कि सड़क पुल पुलिया के साथ लोगों के दिलों में भी एकता की भावना रहे और दूरियां कम हो। उसी तरह शासन और जनता के बीच की दूरी कम हो और दूरी का लाभ उठाकर बिचौलिए या असामाजिक तत्व अपनी जगह ना बनाएं इस दिशा में सरकार काम कर रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड के भागाबांदी में आयोजित जन चौपाल के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 को जब एक मजदूर को आप सब ने राज्य का मुख्य सेवक बनाया तब से विकास का क्रम शुरू हुआ है और पूरे राज्य में जो विकास हुआ है उसकी आज देश दुनिया में झारखंड के विकास की चर्चा है। किसी समय में झारखंड की गणना भ्रष्टाचार और नक्सलवाद प्रधान राज्य के रूप में होती थी। 3.5 साल में बेदाग और भ्रष्टाचार मुक्त राज व्यवस्था से राज्य का विकास कई गुना बढ़ गया है। राज्य के हर कोने में विकास नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छह रोड का शिलान्यास हुआ है। इसमें सबसे अधिक भूमिका सांसद विद्युत वरण महतो और पोटका क्षेत्र की विधायक मेनका सरदार का रहा है, जिन्होंने लगातार सड़क को जोड़ने के लिए आवाज उठाई है और जनप्रतिनिधि की भूमिका का बखूबी निर्वहन किया है। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आधारभूत संरचना में तेजी से काम कर रही है। ग्राम के लोग जो योजनाएं बना कर देते हैं उन्हीं के आधार पर सरकार काम कर रही है। दो प्रखंड में करोड़ रुपए का निवेश करना इस बात को दर्शाता है कि सरकार राज्य में आधारभूत संरचना में तेजी से काम कर रही है 3.5 साल में पूर्वी सिंहभूम में 350 किलोमीटर सड़क, 39 पुल पुलिया पूर्वी सिंहभूम में जगह जगह बनाए गए हैं। इसका एक ही उद्देश्य है कि आवागमन सुलभ हो, परिवहन व्यवस्था सुचारू रूप से चले। सड़कों के जाल से गांव गांव में विकास हो। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना जैसे बिजली, पानी, सड़क निर्माण से गांव गांव का विकास संभव होगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर 2018 तक झारखंड के 32,000 गांवों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य है। खेती के लिए 2019 से अलग फीडर बनाने का काम किया जाएगा, उद्योग के लिए अलग फीडर और आम जनता के लिए अलग फीडर से बिजली आपूर्ति होगी। बिजली क्षेत्र की समस्याएं गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक राज्य एक ग्रिड होनी चाहिए लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत सबस्टेशन दूर दूर स्थित हैं इसलिए सरकार सब स्टेशन का निर्माण करवा रही है और विद्युत क्षेत्र की विसंगतियों को काफी हद तक दूर कर लिया गया है। राज्य के 247 गांव ऐसे हैं जहां गरीब आदिवासी पहाड़िया निवास करते हैं, वहां पर सोलर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जा रही है जिससे कि आदिवासी के बच्चे भी शिक्षा दीक्षा ग्रहण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ज्ञान आधारित युग में जी रहे हैं। युग के साथ हम सब को भी बदलना है। इस बदलाव के लिए गांव एवं शहर के विभेद को समाप्त करते हुए सभी जगह एक जैसी सुविधा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट क्लास में तकनीक के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। पूरे जिला में 21 विद्यालय लिए गए हैं जिन्हें स्मार्ट क्लासेस के जरिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। जहां आज के समय के अनुसार तकनीक का समावेश करते हुए शिक्षा दीक्षा दी जाएगी। विज्ञान केंद्र गांव के बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को निखारने का काम करेगा। घ्17लाख की लागत से विज्ञान केंद्र स्थापित किए गये हैं, ताकि बच्चों में वैज्ञानिक सोच और इन्नोवेटिव आईडियाज को बढ़ावा मिले। अगल बगल के गांव के स्कूलों से भी बच्चों को यहां लाकर इनकी भी सोच को विकसित करने का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में इतनी क्षमता है कि यह विश्व के समृद्धतम राष्ट्रों के समकक्ष आ सकता है। 40प्रतिशत प्राकृतिक संपदा झारखंड में है, मेहनतकश मानव संसाधन है- दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और लगन से झारखंड की सवा 3 करोड़ जनता आज विकास के पथ पर चल पड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में झारखंड दुनिया के सर्वाधिक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में होगा। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री का सपना है कि 2022 तक न्यू इंडिया बने। इसकी शुरुआत नया झारखंड बनने से होगी- झारखंड में कोई भी बेघर, बेरोजगार, अशिक्षित अभावग्रस्त नहीं हो ऐसा झारखंड बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। 2022 तक झारखंड में कोई भी गरीब बेघर नहीं रहेगा। झारखंड में सभी विधवाओं को पेंशन का लाभ मिले इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है। अंबेडकर आवास योजना के तहत झारखंड सरकार ने 18 वर्ष से अधिक की विधवा महिलाओं को आवास का लाभ देने की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड पूरे देश में पहला और एकमात्र राज्य है जहां गैस सिलेंडर के साथ चूल्हा भी मुफ्त में दिया जा रहा है और एलपीजी सिलेंडर की पहली रिफिल भी मुफ्त में सरकार द्वारा कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाओं का आर्थिक रूप से भी सशक्तिकरण किया जा रहा है। जल सहिया स्वास्थ्य संयोजक गांव गांव में जन जागरण का काम करें जिससे लोग का उपयोग करें गंदगी से काफी गंदगी से काफी तरह की बीमारियां फैलती हैं। उन्होंने कहा कि सभी अपने अपने गांव में जागरण का काम करते हुए स्वच्छता से स्वास्थ्य को ठीक करने की दिशा में काम करें। गांव को समृद्धशाली, नशामुक्त और सामाजिक समरसता के लिए किस प्रकार से काम हो इसके लिए गांव में बैठकर योजना बनाएं। सरकार ने तय किया है कि नशा मुक्त गांव को घ्1,00,000 दिए जाएंगे। इसके लिए ग्राम प्रधान गांव गांव में बैठकर नशा उन्मूलन के लिए जागरूकता करें ।यदि परिवार के मुखिया नशे से आसक्त होगा तो परिवार पीड़ित होगा और अंतिम रूप से सर्वाधिक उत्पीड़न महिलाओं का होगा। नशा मुक्त ग्राम समाज के लिए जागरण का काम हम सब को ही करना है बाहर से कोई करने नहीं आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मन के अंदर की गरीबी को दूर करें। गरीबी में जन्म लेना पाप नहीं है। भारत के संविधान ने गरीब को भी गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया हुआ है। ईमानदारी के साथ मेहनत करते हुए अपने जीवन को प्रशस्त करने का काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए शिक्षा एक सशक्त हथियार है। खुद भले ही पढ़े लिखे नहीं हो लेकिन अपने बच्चों को जरूर साक्षर बनाएं। बच्चों की साक्षरता मां-बाप और सरकार-प्रशासन की जिम्मेवारी है-कि बच्चा स्कूल जाए और ड्रॉपआउट ना हो। गांव शिक्षित बने, शिक्षा से ज्ञान आता है ज्ञान से समझदारी आती है। हमें शिक्षित प्रदेश बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एक ऐसी योजना है जिससे कि देशभर के 10 करोड़ परिवार और 50 करोड़ से अधिक की आबादी आच्छादित होगी। इस योजना का झारखंड की धरती से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा की 57 लाख परिवारों को  5,00,000 रुपये का स्वास्थ्य योजना के तहत वार्षिक बीमा दिया जाएगा। इस तरह राज्य की परिवार स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आच्छादित हैं शेष 15प्रतिशत आबादी को 2019 त प्रीमियम लेकर उन्हें भी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा जिससे कि शत प्रतिशत झारखंडवासी स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज लोग यहां से करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवानों के लिए सरकार काम कर रही है। 70 वर्ष से किसान न्यूनतम समर्थन न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के लिए मांग कर रहे थे। आज धान, बाजरा और मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने का काम केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार विशेष रूप से काम कर रही है पूरे राज्य में 17,00,000 दीदी लोग हैं। बैंक के माध्यम से लोन दिलवा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है और स्वरोजगार करते हुए आज अपनी आजीविका का अर्जन कर रही हैं।झारखंड देश का पहला राज्य है जहां महिलाओं के नाम एक रुपए में संपत्ति की रजिस्ट्री की जा रही है। यह महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है, और सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए एक ठोस पहल भी है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में बेटा और बेटी में फर्क ना करें। अपनी सोच को बदलें, परिवार की शक्ति राज्य की शक्ति बने। सखी मंडल और एक रुपए में रजिस्ट्री, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण करने का काम सरकार कर रही है।
अपनी बेटी का विवाह किसी भी तरह से कम उम्र में ना करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की तो झारखंड ने पहले पढ़ाई फिर विदाई की संकल्पना का सूत्रपात किया।  उन्होंने कहा कि मैं शासन करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बना हूं बल्कि झारखंड को सजाने और संवारने के लिए जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर इस दिशा में काम कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की जनता के सहयोग और सहभागिता से न्यू झारखंड का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां शांति है वही विकास है। उग्रवाद का मूल कारण बेरोजगारी है। बंदूक जान ले सकती है, समस्या का हल संभव नहीं है और यह व्यवस्था नहीं बदल सकती। व्यवस्था बदलने के लिए हम सबको मिलकर काम करना है। भटके हुए लोग मुख्यधारा में जुड़कर मिलजुल कर व्यवस्था को बदलने का काम करें। मुख्यमंत्री ने कठोर लहजे में कहा कि कानून को चुनौती देने वालों को पाताल से भी खोज कर हम मारेंगे। स्वेच्छा से सरेंडर कर मुख्यधारा में आएं और झारखंड को विकास की नई ऊंचाइयों में ले जाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सिदो, कान्हू, बिरसा मुंडा, तिलकामांझी देश के लिए कुर्बान हुए हैं। देश के लिए जीने का हमें मौका मिला है तो हम अपनी सेवाएं लोगों को दें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिनके पास बंजर जमीन है वह अपनी बंजर जमीनों में सोलर फार्मिंग की शुरुआत करें। इस तरह से पैदा हुई बिजली को सरकार खरीद लेगी और इस से आए हुए पैसों का उपयोग उन्नत खेती के लिए किया जा सकता है। 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को इसी तरह के इनोवेटिव माध्यमों से प्राप्त किया जा सकता है। किसान मिलकर सोलर बिजली उत्पादन का काम करें, मत्स्य पालन, गौपालन, कुक्कुटपालन जैसे उपायों से कृषि आय में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों का भी दायित्व है कि वे अपने गांव-टोला-पंचायत के लिए जागरूक हो अपने क्षेत्र की समस्याओं को सही मंच पर उठाएं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सरकार की सोच और विकास की दिशा को देखते हुए अपनी समस्याओं को बताएं-काफी कम समय में राज्य ने बहुत उन्नति की है। जहां 2014 में राज्य 18प्रतिशत ओडीएफ था, वहीं सखी मंडल, जल सहिया, रानी मिस्त्री की बदौलत आज 99þ ओडीएफ लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है। रानी मिस्त्री को प्रशिक्षण देकर शौचालय निर्माण के कार्य में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में रोजगार के लिए सरकार योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 25 किसानों के दल को कम पानी में उन्नत खेती की तकनीक सीखने के लिए इजरायल भेजा था। अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग करते हुए कम लागत में अधिक मुनाफा वाली खेती की तकनीक से और भी लोगों को फायदा पहुंचेगा। उपायुक्त अमित कुमार ने शिलान्यास की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल 164.176 करोड़ लागत से 81.80 किलोमीटर सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में हमेशा से जिला प्रशासन का जोर रहा है। इस दिशा में डुमरिया एवं गुड़ाबांधा में विज्ञान केंद्र का भी अधिष्ठापन किया गया है। जिस तरह से हाथ की लकीरों से व्यक्ति की तकदीर तय होती है उसी तरह से ये योजनाएं क्षेत्र में लोगों की तकदीर को बदल देंगी और विकास को एक नई ऊंचाई देने का काम करेंगी। इस अवसर पर जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, पोटका की विधायक मेनका सरदार, घाटशिला विधायक लक्ष्मण टुडू, बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी, जिला परिषद की अध्यक्ष बुलु रानी सिंह, जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त विजय कुमार सिंह, वरीय आरक्षी अधीक्षक अनूप बिरथरे, उप विकास आयुक्त बी महेश्वरी सहित जिले के तमाम पदाधिकारी गण तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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