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बिहार में एकसाथ मंडरा रहा है बाढ़ और सूखे का खतरा, अवाम संकट में

सीवान में टूटा बांध, कोसी क्षेत्र के सैकड़ों गांव में घुसा पानी, बिहार में फिर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

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 सिटी पोस्ट लाइव   : बिहार में इस साल बाढ़ और सूखा दोनों एकसाथ दस्तक दे चूका है. बिहार के 13 जिलों में औसत से कम बारिश होने से सूखे की नौबत आ गई है. रोपनी नहीं हो पाई है. बिचड़ा और धान की फसल सूख रही है. दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही से जगह-जगह बांध टूटने के कारण लोग परेशान  हैं. बिहार की ज्यादातर नदियाँ नेपाल से आनेवाले पानी की वजह उफान पर हैं.  सीवान जिले के मैरवा प्रखंड की बभनौली पंचायत के चुपचुपवा गांव में रविवार की देर शाम गंडक नहर का बांध टूटने से  गांव में काफी तेज रफ्तार से पानी घुसने लगा.ग्रामीणों में अफरातफरी मच गयी.

गांव में पानी फैलते ही ग्रामीणों ने गंडक विभाग में संपर्क किया, लेकिन किसी से बात नहीं हुई. ग्रामीणों में बाढ़ का खौफ है.कई गावों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और सरकारी महकमा सोया हुआ है.नेपाली मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के तराई वाले हिस्से में अगले 48 घंटे तक लगातार बारिश होने की संभावना है. ऐसे में बिहार की नदियों के जलस्तर में और वृद्धि स्वाभाविक है. जिला प्रशासन ने नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है.

कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि से कई गांवों में नदी का पानी फैल गया है. लोगों के घरों में पानी भी प्रवेश करने लगा है. रविवार को कोसी बराज पर बाढ़ काल अवधि के अब तक सबसे अधिक डिस्चार्ज दो लाख 24 हजार 80 क्यूसेक दर्ज किया गया है, जो लगातार बढ़ रहा है. कोसी नदी में जल स्तर में बढ़ोतरी के साथ ही इन गांवों के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.सरकार को शायद अभी कोशी जैसी आपदा का इंतज़ार है.

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