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बिहार की नदियां खतरे के निशान के ऊपर, बाढ़ सुरक्षा व्यवस्था नदारत

बाढ़ की नौबत आ जाने से सुरक्षित ठिकाने की खोज में जुटे लोग, बांधों के टूटने का भय कायम

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सिटी पोस्ट लाईव : नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार की नदियों पर पडऩे लगा है. नेपाल से निकलने वाली कोसी, बागमती समेत कई नदियों में उफान आ गया है. रविवार से नेपाल के कोसी जलग्रहण क्षेत्र में बारिश होने से कोसी और बागमती के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. नेपाल के पानी से कोसी व बागमती सहित कई नदियों का  पानी गांवों और सडकों तक पहुँचने लगा है. गंडक बराज से 84 हजार क्‍यूसेक पानी छोड़ दिए जाने से नदी किनारे के गांवों के लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं. बारिश व बाढ़ ने सरकार की बाढ़ पूर्व जैयारियों की भी पोल खोल दी है.

के जलस्तर में तलाश में जुट गए हैं गंडक बराज से 84 हजार की तलाश में जुट गए नदियों के जलस्तर में

बुधवार को नदियों के जलस्तर में उतार -चढ़ाव जारी रहा. गंडक बराज से 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. मधुबनी जिले में कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भूतही बलान, कोसी सहित अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि जारी रही. लदनियां में धौंस नदी एनएच -104 का कटाव कर रही है. सीतामढ़ी के चोरौत प्रखंड की दो पंचायतों को जोडऩे वाली सड़क पर रातो नदी का पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है. शिवहर में बागमती के जलस्तर में कमी से एनएच -104 पर आवागमन चालू हो गया है. पूर्वी चंपारण से अभी भी सड़क संपर्क भंग है.

कटिहार में महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से नदी किनारे स्थित आधा दर्जन गांवों के लोग भयभीत हैं. बुधवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब देखा गया . नदी किनारे के इन गांवों के ग्रामीण अभी से सुरक्षित ठिकाने की तलाश में जुट गए हैं. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार  मंगलवार शाम से महानंदा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

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