सिटी पोस्ट लाइव, गोड्डा /रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि गांव और किसानों को समृद्ध कर राज्य को समृद्ध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना लाई जाएगी जिसके तहत किसानों को हर वर्ष खरीफ फसल के लिए 5000 रुपये प्रति एकड़ की राशि दी जायेगी। जिनकी जमीन एक एकड़ से कम है उन्हें भी न्यूनतम 5000 रूपये राशि प्रतिवर्ष दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से राज्य के 22.76 लाख लघु एवं सीमांत किसान लाभान्वित होंगे।दास ने शनिवार को गोड्डा स्थित तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित जन चौपाल में लोगों से कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं उनतक पहुंच रही हैं या नहीं, इसे जानने के लिए ही उनके बीच आए हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की सवा तीन करोड़ जनता का सुझाव राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से लिखित सुझाव देने को कहा है जिसपर आगामी बजट में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार कई जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं और प्रधानमंत्री का सपना है कि 2022 तक कोई बेघर न रहे। इसी को पूरा करने के लिए उनकी सरकार ने राज्य के सभी बेघरों को 2020 तक घर देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुद गरीबी को करीब से देखने के कारण वे लोगों के दुख-दर्द को समझते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसान, गरीब, युवा, महिलाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सम्मान देने का कार्य किया है। स्वच्छ भारत योजना के तहत शौचालय निर्माण होने से अब महिलाओं को अंधेरे का इंतजार नहीं करना पड़ता है। 4 वर्ष पूर्व मात्र 18% घरों में शौचालय था लेकिन सिर्फ 4 वर्षों में रानी मिस्त्री और जल सहिया बहनों की मदद से 99.9% घरों में शौचालय बन चुका है। उज्ज्वला योजना के तहत 53 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया जाना है। कुछ वर्ष पूर्व गैस चूल्हा पैसे वाले लोगों के घरों की पहचान होती थी । लेकिन, प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना के माध्यम से हर घर तक चूल्हा पहुचाने का कार्य किया है। 25 लाख माताओं बहनों को सरकार द्वारा गैस कनेक्शन और मुफ्त चूल्हा दिया जा चुका है। शेष को मार्च अप्रैल 2019 तक गैस कनेक्शन दे दिया जाएगा । आपके चेहरे पर मुस्कान आये, इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है ।
किसी सरकार ने आपके दर्द को जानने का प्रयास नहीं किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद से 14 साल तक अस्थिर सरकार की वजह से लोगों तक सपना अधूरा रह गया। अस्थिर सरकार के कारण लोगों की आकांक्षा और आशा कभी पूर्ण नही हुई। लेकिन 2014 में आपने एक मजबूत सरकार देकर झारखण्ड को विकास की ओर ले जाने का एक मौका दिया। सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ कार्य कर रही है । राज्य की आधारभूत संरचना पर कार्य किये गए हैं। आज़ादी के इतने दिनों बाद पहली बार किसी सरकार ने किसानों, महिलाओं, गरीब को आत्मसम्मान देने का कार्य किया है।
1 जनवरी से शुरू होगी मुख्यमंत्री सुकन्या योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना चलायी जा रही है । राज्य सरकार द्वारा पहले पढ़ाई, फिर विदाई योजना चलाई जा रही है । बेटा-बेटी में फर्क न करें । बेटी को पढ़ाये। बेटी जिस घर भी जाएगी उसे स्वर्ग बनाने का कार्य करेगी। बेटी अपने माँ बाप को कभी दुःख में नहीं देख सकती। बेटी को अवश्य शिक्षा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 1 जनवरी 2019 से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के उपरांत सरकार सीधे खाते में प्रोत्साहन राशि भेजेगी । 1ली, 5वीं, 9वीं और11वीं कक्षा में नामांकन पर सरकार खाते में प्रोत्साहन राशि भेजेगी तथा 18 वर्ष की उम्र होने तक अविवाहित रहने पर सरकार फिर से प्रोत्साहन राशि देगी ।
गरीबी को समाप्त करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी को समाप्त करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी है । सभी लोग अपने बच्चे को विद्यालय अवश्य भेजें । बच्चे विद्यालय में स्कूल न छोड़े इसे ध्यान रखें ।मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला शक्ति में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस एक अवसर प्रदान करने की जरूरत है । महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं । राज्य सरकार भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है । महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं । सरकार ने सिर्फ 1 रुपये में 50 लाख की संपत्ति की रजिस्ट्री की सुविधा महिलाओं के लिए योजना चला रही हैं । 1 लाख 20 हज़ार बहने अब तक इस योजना के तहत लाखों रुपये की जायदाद की मालकिन बन चुकी हैं ।
जैविक खेती अपनाएं कृषक
जन चौपाल में मुख्यमंत्री से आजीविका कृषि मित्र के एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती की ओर किसान बढ़े। जैविक उत्पाद की मांग पूरे विश्व में है। उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उत्पादक क्षमता प्रभावित होती है। पिछले माह रांची में आयोजित वैश्विक कृषि और फूड समिट के दौरान 07 देशों के कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। प्रति बूँद सिंचाई यानि बूंद-बूंद सिंचाई पर भी किसानों को ध्यान देना है। सभी जिलों में सरकार इस विधि के प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञ को भेजा जाएगा।
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