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किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि लोन, एक साल में लौटानी होगी राशि : रघुवर

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किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि लोन, एक साल में लौटानी होगी राशि : रघुवर

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के किसानों को 0% ब्याज (जीरो परसेंट इंट्रेस्ट) पर कृषि लोन (ऋण) दिया जायेगा, लेकिन उन्हें सालभर के अंदर राशि वापस करनी होगी। किसान अगर एक साल के अंदर लोन में ली गई राशि बैंक को लौटा देते हैं तो उन्हें एक पैसा भी ब्याज नहीं देना पड़ेगा। उस एक साल का ब्याज झारखंड सरकार भरेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की। गुरुवार को वे रांची के खेलगांव में आयोजित दो दिवसीय वैश्विक कृषि शिखर सम्मेलन (ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018) को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री दास और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दीप प्रज्वलित कर समिट का शुभारंभ किया।  झारखंड के 28 लाख किसानों को बधाई देते हुए सीएम दास ने कहा कि आपकी मेहनत, आपकी उद्यमशीलता और संकल्पशक्ति का प्रतिफल है कि झारखंड जिसकी कृषि विकास दर जो 4 साल पहले माइनस चार प्वांट पांच (-4.5) था। आज वह बढ़कर 14 % हो गई है। आपके सहयोग से हम लंबी छलांग लगाने में सफल हुए। हमें यहीं नहीं रूकना है। कृषि विकास दर में और वृद्धि दर्ज करने, आपको उन्नतशील किसान के रूप में तब्दील करने, आपकी उत्पादकता की सही मुख्य प्रदान करने के ही साथ अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट का आयोजन हो रहा है।
रघुवर दास ने कहा कि इस सम्मेलन के जरिए राज्य के किसान अन्य राज्यों और देशों में अपनाई गई सफल तकनीक की जानकारी प्राप्त करेंगे। बाजार की मांग के अनुसार अपने उत्पाद तैयार करने के हुनर से परिचय कराने और अन्य किसानों के भी उन्नति का वाहक बनाना, यही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है। साथ ही खेती हमारी संस्कृति और परंपरा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के इस ठोस आधार को हमें इस सम्मेलन के माध्यम से और सशक्त करना है। निवेशक सरकार का निमंत्रण स्वीकार करें। इससे पहले झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने विषय प्रवेश कराया। उन्होंने समिट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, झारखंड सरकार के कृषि मंत्री रणधीर सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय, खेल मंत्री अमर बाउरी, समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, कृषि सचिव पूजा सिंघल के अलावा मंगोलिया, इजरायल, फिलीपींस, मोरक्को के राजदूत, ब्राजील, नीदरलैंड के प्रतिनिधि सहित कई सांसद, विधायक और राज्य सरकार के आलाधिकारी मौजूद थे।

2019 मई तक होगा किसानों के लिए अलग फीडर, मिलेगी छह घंटे निर्बाध बिजली
मुख्यमंत्री दाल ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा फोकस किसानों पर है। कृषि कार्य के लिए हर हाल में 2019 मई तक किसानों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था सरकार करेगी। जहां से 6 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति किसानों को होगी। सरकार की मंशा किसानों के लिए अलग फीडर, उद्योग के लिए अलग फीडर और आम जनता के लिए अलग फीडर लगाने की है। इस पर तीव्र गति से काम चल रहा है। इसके साथ ही 2018 दिसंबर तक सुदूरवर्ती गांवों तक भी बिजली पहुंचा दी जाएगी और हर घर रोशन होगा।

50 फूड प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास, किसानों को मिलेगा सही दाम और काम 
इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य में 50 फूड प्रोसेसिंग यूनिट (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) का ऑनलाइन शिलान्यास हुआ। रघुवर दास ने कहा कि निवेश से किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम और नौजवानों को काम मिलेगा। इसके लिए निवेशकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि झारखंड में आप आएं और निवेश करें। यहां की नीति अच्छी है। कार्यों में पारदर्शिता है जो हर काम में सहयोग प्रदान करेगा।

फिर 100 किसान जायेंगे फिलीपींस और इजरायल, इनमें 50 फीसदी महिलाएं होंगी
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अभी कुछ माह पहले झारखंड के किसान इजरायल से कृषि की तकनीक जान कर लौटे हैं। अब राज्य सरकार फिर से 100 किसानों को फिलीपींस और इजरायल के दौरे पर भेजने वाली है। इनमें 50 फीसदी महिलाएं होंगी। उन्होंने कहा कि हमारी बहनें भी विदेश जाकर कृषि की तकनीक सीखकर उन्नत किसान बनेंगी।

28 लाख किसानों को मुफ्त मोबाइल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को बिचौलियों से मुक्ति प्रदान करने, बाजार के पल पल चीजों के भाव से अवगत कराने और समय के अनुरूप अपने फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के 28 लाख किसानों को सरकार निःशुल्क मोबाइल फोन प्रदान करेगी। ताकि हमारे किसान भी बाजार के बदलते परिवेश के अनुसार को को ढाल सकें।

सोलर फार्मिंग करें किसान, तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदेगी सरकार
रघुवर दास ने कहा कि किसान सिर्फ सब्जी उत्पादन तक ही केंद्रित न रहें। कृषि कार्य के साथ बागवानी, पशुपालन और सोलर फार्मिंग पर भी ध्यान दें। सरकार इन कार्यों में आपको सहयोग करेगी। सोलर फार्मिंग करने वाले किसानों की बिजली को 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद ली जायेगी।

डेयरी उद्योग पर ध्यान दें, 50 फीसदी अनुदान पर गाय देगी सरकार
सीएम दास ने कहा कि अगर किसान खेती के साथ अन्य कार्य करते हैं तो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी नहीं, बल्कि चार गुनी हो सकती है। नौजवान किसान डेयरी उद्योग की ओर ध्यान दें। 50 % अनुदान पर गाय उपलब्ध करायी जाएगी। सरकार ने 25 हजार बीपीएल महिलाओं को 90% अनुदान पर 2 गाय उपलब्ध करायी है।

छह हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट के समापन समारोह में 30 नवंबर को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। समिट में खाड़ी और यूरोपीय देशों के लिए जैविक सब्जियों के निर्यात की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इस मौके पर 50 फूड प्रोसेसिंग यूनिट की आधारशिला रखी गयी। इनमें 50 कंपनियां 271 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी। इससे करीब 6000 लोगों को रोजगार मिलेगा। 1,614 लोग प्रत्यक्ष और 4,110 अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुड़ेंगे।

48 साल तक राज करने वाले के परिवार के युवराज पूछते हैं 99 कृषि योजनाएं लंबित क्यों है : राधामोहन सिंह
आयोजन के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री सिंह ने कांग्रेस की सरकार और गांधी परिवार को भी अपने निशाने पर रखा। कहा,बताइये भला किसी भी लोकतांत्रिक देश में एक ही परिवार के लोग 18 सालों तक शासन करते हैं क्या। 48 सालों तक शासन करने के बाद अब उसी परिवार के युवराज पूछ रहे हैं कि आखिर कृषि विभाग की 99 बड़ी योजनायें लंबित क्यों हैं। ऐसा पूछने से पहले उन्हें शर्म आनी चाहिए, लेकिन शायद शर्म नाम की चीज उनमें बची नहीं है। उन्होंने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को भी निशाने पर लिया। कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया तो यहां के कुछ लोग आदिवासियों के भला करने के नाम पर राजनीति करने लगे। लोगों से वोट लिया और संसद में जाकर बिक गये। हमेशा वो लोग अपने वंश के बारे सोचते रहे, लेकिन रघुवर दास ऐसे नहीं हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत तो भाग्यशाली है ही जो नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला। हमारे प्रधानमंत्री ने साढ़े चार सालों में एक भी दिन छुट्टी नहीं ली। पूरी तरह से वो देश के लिए समर्पित हैं। वहीं झारखंड भी भाग्यशाली है, जो उसे रघुवर दास के जैसा सीएम मिला। वो खनन के साथ-साथ किसानों के बारे में भी सोच रहे हैं। यही वजह है कि बीते चार सालों में झारखंड का कृषि क्षेत्र में ग्रोथ रेट -4% से बढ़कर 14% हो गया। यानि 19% की वृद्धि। राधामोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के समय में देशभऱ का कृषि का बजट अधिकतम 1.23 लाख करोड़ था, लेकिन बीजेपी ने इसे बढ़ाकर 2.11 लाख करोड़ का बजट बनाया। इससे साबित होता है कि देश के बारे में कांग्रेस सोचती है या बीजेपी।

समिट विकास की एक कड़ी है, यहां से किसान नई उर्जा के साथ लौटेंगे : सुधीर त्रिपाठी 
झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड जैसे खनिज प्रधान राज्य में ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूट समिट का आयोजन क्यों हो रहा है। यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा होगा। इसका सहज जवाब है यहां की जलवायु और प्रगतिशील परिश्रमी किसान। राज्य में खनिज के साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी असीम संभावनाएं हैं। आने वाले समय में झारखंड की गिनती कृषि के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी राज्यों में होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के चार साल के श्रम साध्य हैं। चार सालों में कृषि के क्षेत्र में अनेक पहल की है। कृषि कार्य के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है। इसके साथ ही सरकार ने बंजर भूमि को कृषि के अंतर्गत लाना, महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काम, स्वायल कार्ड, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने सहित कई कार्य किये। उन्होंने के कहा ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट को एक प्लेटफॉर्म के रूप में देखने की जरूरत है। यह प्लेटफॉर्म कृषि से संबंधित सभी स्टेक होल्डर, कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, निवेशक, किसान अपना अनुभव साझा करेंगे। एक-दूसरे की जरूरतों के समझेंगे। आकलन के बाद आगे की रणनीति बनेगी और इसके परिणाम कृषि को नई ऊंचाई पर ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में सकारात्मक बदलाव की मुहिम चल रही है। जिसके आप सहभागी हैं। संपूर्ण राज्य का ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) इसी का परिणाम है। योजनाओं के क्रियान्वयन से गांवों में त्वरित परिवर्तन की गाथा लिखी जा रही है और यह समिट इसी विकास की एक कड़ी है। इससे विकास को गति मिलेगी। यहां से किसान नई उर्जा के साथ लौटेंगे।

माइनस में थी कृषि विकास दर, चार साल में 19 फीसदी पहुंची, बड़ी क्रांति : अमिताभ कांत
इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का विल पावर (इच्छा शक्ति) बहुत ही मजबूत है। मैंने यहां के 50 गांवों में काम किया। झारखंड में जैसा बदलाव आया है वैसा कहीं नहीं हुआ। सीईओ कांत ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक झारखंड में कृषि विकास दर माइनस में थी, लेकिन पिछले चार साल में बढ़कर यह 19 फीसदी हो गई है। यह एक क्रांति है। बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। इसके साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सहित कई क्षेत्रों (सेक्टर) में बड़ा काम हुआ है। उन्होंने के कहा कि मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में पिछले चार सालों में झारखंड ने देश के तमाम राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। यहां मत्स्य उत्पादन में 83 फीसदी का इजाफा हुआ है। अमिताभ कांत ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना है, लेकिन इसके लिए सिर्फ कृषि पर निर्भर नहीं होना होगा। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक के साथ ही किसानों को दूध और मत्स्य उत्पादन जैसे अन्य विकल्पों पर जोर देना होगा। उत्पादन बढ़ाना होगा। इजरायल की तरह पानी का बेहतर उपयोग करना होगा। ऑर्गेनिक खेती कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन लायेगा और किसानों की आय दोगुनी के बदले चौगुनी हो जायेगी।
चाइना के बाद भारत सबसे बड़ा फल और सब्जी उत्पादक देश : इश्तियाक अमजद
कोकाकोला के वाइस प्रेसिडेंट इश्तियाक अमजद ने कहा कि चाइना के बाद हिन्दुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा फल और सब्जी का उत्पादक देश है। और कोकाकोला दुनिया के कई देशों से सबसे अधिक एग्रीकल्चर प्रोडक्ट खरीदने वाली कंपनी है। फिलहाल भारत से हम 95 फीसदी फल खरीदते हैं। आगे प्रयास है कि 100 फीसदी फल यहीं से खरीदें। कोकाकोला 2017 से 2022 तक फल के क्षेत्र में 11 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट करेगी।

दूध उत्पादन से ग्रामीण झारखंड का हो सकता है विकास : आरएस सोढ़ी
अमूल इंडिया के एमडी (मैनेजिंग डायरेक्टर) आरएस सोढ़ी ने कहा कि भारत दुनिया का नंबर वन दूध उत्पादक देश है। यहां 50 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है। पिछले चार साल में यहां 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। झारखंड में 52 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन होता है। यहां के किसान दूध का उत्पादन बढ़ा दें। उनकी आय बढ़ जायेगी। यदि यहां के किसान 25 लाख लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन करें तो दो लाख 75 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। दूध उत्पादन से ग्रामीण झारखंड का विकास हो सकता है। इसके लिए जमीन की जरूरत भी नहीं है। सब्जी की तरह दूध के क्षेत्र में भी झारखंड आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अमूल इंडिया ने झारखंड के चांडिल में एक यूनिट लगाई है। इसकी क्षमता और बढ़ाएंगे। यहां किसानों की मदद करेंगे। उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए कंपनी तैयार है।
ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट करने वाला दूसरा राज्य बना झारखंड
ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट करने वाला देश का दूसरा राज्य झारखंड बन गया है। इससे पहले गुजरात में एग्रीकल्चर एंड फूट समिट का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कृषि लागत कम कर उत्पादकता बढ़ाना राज्य सरकार का लक्ष्य है। ऐसा कर हम किसानों की आय बढ़ा सकते हैं।
ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट के साझीदार हैं पांच देश
खेलगांव में हो रहे दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट में झारखंड के साथ पांच देश साझीदार हैं। इनमें चीन, ट्यूनीशिया, मंगोलिया, इजरायल और फिलीपींस शामिल हैं।

एक नजर में समिट और फायदे 
1. 271 करोड़ का निवेश, 6000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार
2. निवेश के अवसर संभावित ग्राहक और बाजार तक पहुंच।
3. विश्व स्तरीय तकनीक जान पायेंगे झारखंड के किसान।
4. 16 राज्यों के 10 हजार से अधिक किसान।
5. 50 से अधिक विदेशी डेलिगेट्स।
6. दो हजार प्रतिनिधिमंडल।
7. 50 से अधिक वक्ता।
8. 150 प्रदर्शनी स्टॉल।
9. 40 हजार स्क्वायर फीट में पंडाल।
10. डेयरी, फीसरी, एग्रीकल्चर, पशुपालन सहित छह सेक्टोरल सेमिनार।

पीएम मोदी का संदेश, प्रगतिशील निवेशकों के लिए एक आदर्श मंच है
प्रधानमंत्री रणधीर सिंह ने ग्लोबल एग्रीकल्चर एडं फूड समिट 2018 के लिए संदेश भेजा है। इसमें उन्होंने कार्यक्रम की सफलता की कामना की है। इसे झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने पढ़ा। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भारत के अधिकांश लोग जीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं। वर्ष 2022 तक उनकी आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। झारखंड में किसानों के जीवन में बदलाव के लिए कई काम हो रहे हैं। इसी के मद्देनजर झारखंड सरकार की ओर से ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट का आयोजन किया गया है। इस समिट का आयोजन प्रगतिशील निवेशकों के लिए एक आदर्श मंच है।

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