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एक्सक्लूसिवः नित्यानंद राय और भूपेन्द्र यादव हैं ‘गिरिराज’ के विलेन? आहत गिरिराज क्या करने वाले हैं?

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एक्सक्लूसिवः नित्यानंद राय और भूपेन्द्र यादव हैं ‘गिरिराज’ के विलेन? आहत गिरिराज क्या करने वाले हैं?

सिटी पोस्ट लाइवः बिहार की बेगूसराय सीट तीन वजहों से खासी चर्चा में हैं। पहली वजह यह है कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार यहां से लेफ्ट पार्टी के उम्मीदवार हैं। दूसरी वजह है महागठबंधन ने न तो लेफ्ट पार्टी को जगह दी और न हीं कन्हैया को स्वीकार किया इसलिए बेगूसराय में मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है क्योंकि बीजेपी के गिरिराज सिंह मैदान में होंगे और राजद के तनवीर हसन भी चुनाव लड़ेंगे और इन दोनों को कड़ी टक्कर देंगे कन्हैया। लेकिन बेगूसराय सीट अब जिस वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में है वो हैं गिरिराज सिंह द्वारा इस सीट से उम्मीदवार बनाये जाने पर शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठाना।

गिरिराज सिंह नवादा से बेगूसराय शिफ्ट किये जाने का दर्द पहले भी बयां करते रहे हैं लेकिन आज हम डंके की चोट पर यह दावा कर रहे हैं कि गिरिराज सिंह सिर्फ आहत नहीं हैं बल्कि शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले के वो इस हद तक खिलाफ हैं कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व द्वारा खुद को अपमानित करने का भी आरोप लगा रहे हैं। गिरिराज सिंह ने अपनी सीट शिफ्टिंग को अपना अपमान माना है और अपने स्वाभिमान पर हमला माना हैं। सिटी पोस्ट लाइव इस एक्सक्लूसिव खबर में यह दावा करता है कि गिरिराज सिंह बगावत की हद तक नाराज हैं हांलाकि वो बागी होंगे या नहीं इसका दावा हम फिलहाल नहीं कर सकते लेकिन हमारा यह दावा है कि गिरिराज सिंह बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय से बेहद नाराज हैं।

गिरिराज सिंह के विश्वस्त सूत्रों का यह दावा है कि गिरिराज सिंह के साथ भूपेन्द्र यादव और नित्यानंद राय ने साजिश की है और उन्हें अपमानित किया है। बीजेपी ने जब गिरिराज सिंह को नवादा से बेगूसराय भेजने का फैसला किया तो गिरिराज सिंह को विश्वास में नहीं लिया और गिरिराज सिंह की नाराजगी की वजह यही है कि उनके कद को इतना छोटा कर दिया गया कि इतने बड़े फैसले लेने से पहले उन्हे इस लायक भी नहीं समझा गया कि पार्टी उन्हें नवादा से बेगूसराय भेजे जाने की वजह बताए।

सूत्रों का यह भी दावा है कि अब गिरिराज सिंह जिद पर हैं कि शीर्ष नेतृत्व ने उनके साथ ऐसा क्यों किया और सीट बदलने से पहले उन्हें भरोसे में क्यों नहीं लिया इसका जबाब बीजेपी नेतृत्व को देना होगा और अगर जवाब नहीं मिला तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। गिरिराज सिंह ने साफ कहा है कि अगर पार्टी ने उनसे बात की होती तो वे खुशी-खुशी नवादा से बेगूसराय चले जाते लेकिन बिना पूछे फैसला लेकर उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचायी गयी है और अब बीजेपी का यह फायर ब्रांड नेता अपनी हीं पार्टी से बेहद नाराज है।

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