ST-SC ACT और सवर्ण आरक्षण को लेकर महागठबंधन में रार, मांझी-चौधरी भीड़े
सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की रणनीति को उनके सहयोगी दलों के नेताओं ने संकट में डाल दिया है. दरअसल, तेजस्वी ST/SC एक्ट पर ज्यादा जोर देने की बजाय आरक्षण पर ज्यादा जोर दे रहे थे. उनकी योजना थी कि हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ST/SC एक्ट की राजनीति को संभालेगें और कांग्रेस सवर्ण आरक्षण के मामले को. लेकिन जीतन राम मांझी जिस तरह से पुलिस के ऊपर ही ST/SC एक्ट के तहत गलत मामला दर्ज करने का आरोप पुलिस पर लगा दिया है, तेजस्वी सकते में हैं. इतना ही नहीं आरक्षण के मुद्दे पर भी उनके सहयोगी उदय नारायण चौधरी और मांझी आपस में भीड़ गए हैं. गौरतलब है कि कभी मंडल राजनीति का केंद्र रहे बिहार में गरीब सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर हाल के दिनों में सियासत तेज हो गई है. इस मुद्दे पर महागठबंधन के दो बड़े सिड्यूल कास्ट नेता मांझी और उदय नारायण चौधरी के आपस में भीड़ जाने से महागठबंधन की मुसीबत बढ़ गई है.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का कहना है कि अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की स्थापना काल से ही वो गरीब स्वर्णों के आरक्षण के वे हिमायती हैं. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को सबसे पहले जातिगत जनगणना के आकड़े जारी करने की मांग की. उस आंक़ड़े के आधार पर संविधान संसोधन करते हुए लोहिया के विचार के अुनसार हरेक समाज के आबादी के अनुसार भागीदारी देने की व्यवस्था करने की मांग की.
दूसरी ओर, मांझी के गरीब स्वर्ण के लिए आरक्षण की मांग का कड़ा विरोध पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने किया है. उन्होंने कहा कि 15 फीसदी आरक्षण मांगने वाले को बहुजन समाज सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर कमजोर लोगों को लिए आरक्षण की व्यवस्था की है न कि आर्थिक आधार पर. इसलिए सवर्णों को आरक्षण दिया ही नहीं जा सकता. अब ईन दोनों नेताओं के आपस में भीड़ जाने से अबतक सवर्ण आरक्षण पर चुप्पी साधे रहनेवाले तेजस्वी यादव परेशान हैं.
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