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नियोजित शिक्षकों को करना होगा थोड़ा और इंतज़ार,तीन अक्टूबर को होगी अंतिम सुनवाई

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नियोजित शिक्षकों को करना होगा थोडा और इंतज़ार,तीन अक्टूबर को होगी अंतिम सुनवाई

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम – समान वेतन मामले के फैसले के लिए शिक्षकों को थोडा और इंतजार करना होगा. इस मामले में अंतिम सुनवाई बुधवार 3 अक्टूबर को होगी. बुधवार को जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और उदय उमेश ललित की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. संभावना व्यक्त की जा रही है थी कि गुरुवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई का काम पूरा कर लेगा. लेकिन अब शिक्षकों को तीन अक्टूबर तक इंतजार करना होगा.

 

इस तरह अब बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के समान वेतन का मामला निर्णायक मोड़ पर आ गया है. बुधवार 3 अक्टूबर को लंच के बाद 2 बजे से अंतिम बहस होगी. कोर्ट ने दोनों पार्टियों को सुनवाई के लिए 1-1 घंटे का वक्त दिया है. मिली जानकारी के अनुसार दोनों पार्टियों को बुधवार दोपहर 2 बजे से 1 घंटे में अपनी बात पूरी करनी होगी. इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले पर अपना फैसला सुनाएगा. बता दें कि इस मामले मे जस्टिस एएम सप्रे और जस्टिस यूयू ललित की पीठ सुनवाई कर रही है. नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है.

 

कल हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि -“केंद्र सरकार को राज्य सरकार के स्तर पर कभी भी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया कि वह प्रदेश के नियोजित शिक्षकों की सुविधाओं में वृद्धि करने जा रही है.” ऐसे में अचानक समान वेतन की मांग का कोई औचित्य नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एक ही स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक को 70 हजार और एक को 26 हजार देने का क्या आधार है. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि शिक्षकों को स्कूल के चपरासी से भी कम क्यों मिल रहा है. फिलहाल अब शिक्षकों की निगाहें सुप्रीप कोर्ट के फैसले पर टिकी है.

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