सिटी पोस्ट लाइव :हाल में हुए तीन विधान सभा सीटों के लिए हुये उप-चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद महागठबंधन में अभी मंथन ही चल रहा है.इस बीच बिहार में थर्ड फ्रंट को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है.उ-चुनाव में महागठबंधन की हार सुनिश्चित करनेवाली आईएमआईएम (AIMIM) ने लोक सभा चुनाव के पहले थर्ड फ्रंट बनाने का ऐलान कर दिया है.AIMIM के स्टेट प्रेसिडेंट अख़्तरूल ईमान ने दावा किया है कि थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर सामान विचार धारा की पार्टियों से बातचीत भी शुरू हो गई है. बहुत जल्द इसका स्वरूप भी सामने आ जाएगा.
अख़तरुल ईमान के अनुसार बिहार में दो महत्वपूर्ण घटक हैं, पहला महागठबंधन और दूसरा बीजेपी. लेकिन, हमारी लड़ाई मुख्य तौर पर बीजेपी से है. अगर बीजेपी को हराना है तो तमाम सेक्यूलर पार्टियों को एक साथ आना होगा. लेकिन बिहार में महा गठबंधन सेक्युलर दलों को लगातार टारगेट कर रहा है.उन्होंने महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके विधायकों को तोड़ा गया, जब हमारे समर्थन की ज़रूरत थी तब ले लिया और उसके बाद हमारी पार्टी को तोड़ दिया. लेकिन, एआईएमआईएम इससे कमजोर नहीं होगा.
एआईएमआईएम के बिहार के मुखिया ने कहा है है कि इन सबके बावजूद उनका अभी भी प्रयास है कि गैर बीजेपी सभी दल साथ आएं. अगर ऐसा नहीं होता है तो एआईएमआईएम अपनी पूरी ताक़त के साथ बिहार में थर्ड फ्रंट बनाएगा, जिसमे कई छोटी-छोटी पार्टियां साथ आएंगी. उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगता है कि हम बीजेपी की B टीम है. लेकिन, नीतीश कुमार तो पंद्रह साल तक बीजेपी के साथ रहकर सत्ता का सुख भोग रहे थे. आज उनके ख़िलाफ़ चले तो गए है लेकिन आज भी उनसे बीजेपी की महक आती है. कल वो क्या करेंगे ये कौन जानता है?
एआईएमआईएम बिहार में बहुत जल्द सदस्यता अभियान की शुरुआत करने वाली है. पार्टी मुस्लिम वोटरों के बीच यह संदेश देने में लगी हुई है कि मुस्लिम समुदाय को सिर्फ वोट बैंक समझा गया है .एक मात्र पार्टी एआईएमआईएम ही है, जो मुस्लिम समुदाय को उसका हक़ दिला सकती है. गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने जब गोपालगंज में 12 हज़ार वोट लाकर महागठबंधन के उम्मीदवार को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, तभी से उस पर बीजेपी की B टीम बताकर महा गठबंधन लगातार हमला कर रहा है. यहां तक कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने भी एआईएमआईएम को बीजेपी की B टीम बताया था.
बहरहाल AIMIM अगर थर्ड फ्रंट बनाने में कामयाब हो जाती है तो मुस्लिम वोट में बंटवारा होने की सम्भावना बढ़ जाएगी जिसका सीधा घाटा महागठबंधन को होगा. बीजेपी को इसका फ़ायदा मिलने की सम्भावना बढ़ जाएगी. बताया जा रहा है कि AIMIM की नज़र महागठ बंधन के वैसे नेताओं पर है, जिन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्हें AIMIM टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार सकता है. खासकर मिथिलांचल, कोसी और सीमांचल के नेताओं पर एआईएमआईएम की विशेष नजर रहेगी.
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