सिटी पोस्ट लाइव : निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा के आम चुनाव व उप चुनाव को लेकर प्रमुख मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रचार के तरीकों को लेकर सुझाव और सलाह मांगा है.आयोग के सचिव एन टी भूटिया ने शुक्रवार को जारी पत्र के माध्यम से 31 जुलाई तक सभी राजनीतिक दलों को सुझाव व सलाह देने का निर्देश दिया है ताकि उसके आधार पर आयोग के द्वारा दिशा निर्देश जारी किया जा सके. आयोग ने सभी प्रमुख मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्ष और महासचिव को चुनाव प्रचार को लेकर सुझाव देने का निर्देश दिया है.
आयोग ने कहा कि पूरे देश मे कोरोना का संकट बना हुआ है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को रोकने और उससे सुरक्षा से संबंधित कई प्रकार के दिशा निर्देश आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत जारी किए गए. इसी से जुड़ी हुई दिशा निर्देश राज्य सरकार में द्वारा भी जारी किए गए हैं. इनमें फेस मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थलों पर निर्धारित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, बड़ी संख्या में भीड़ एकत्र होने पर रोक, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन सहित अन्य निर्देश शामिल हैं.
एक तरफ चुनाव आयोग दिन रात चुनाव की तैयारियों में जुटा है वहीं विपक्ष कोरोना संक्रमण की दुहाई देते हुए चुनाव टालने की मांग कर रहा है. बिहार की तमाम विपक्षी पार्टियों की तरफ से कोरोना कू देखते हुए चुनाव टालने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन दिया गया है. आरजेडी, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टी के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि ये वक्त लोगों की हिफाजत करने का है, न की चुनाव करवाने का. आज बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी में कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों के नेताओं के हस्ताक्षर हैं.इस पत्र में बिहार चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन से कहा गया है कि वह यह समीक्षा करे कि क्या इस महामारी के दौरान निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो सकते हैं? मतदाताओं और पार्टियों के बीच डर का जिक्र करते हुए कहा गया है कि चुनाव एक सुपर स्प्रेडर इवेंट नहीं बनना चाहिए.बिहार के जिन दलों के नेताओं के हस्ताक्षर इस पत्र पर हैं उनमे शामिल हैं कांग्रेस, आरजेडी, सीपीआई, सीपीआईएम, आरएलएसपी, सीपीआईएलएल, हम के नेता.
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