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सीएम के भाषण के दौरान ने काले झंडे दिखाए, कुर्सियां तोड़ी, पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे, 600 पारा शिक्षक गिरफ्तार

स्थापना दिवस समारोह में हजारों पारा शिक्षकों ने किया जमकर हंगामा 

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झारखंड स्थापना दिवस पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार को आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास के अध्यक्षीय भाषण के दौरान पारा शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। काले झंडे दिखाये। कुर्सियां उठाकर फेंकी और पटक कर तोड़ डाली। राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामे के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने काफी संयम बरता। इसके बावजूद शिक्षकों का पारा कम नहीं हुआ तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले दागे। रैफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों ने पारा शिक्षकों की जमकर पिटाई की। दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसमें कई पारा शिक्षकों को चोट आई हैं। एसएसपी रांची अनीस गुप्ता बताया कि 600 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस पर पथराव करने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। झारखंड बनने के 18 साल पूरा होने पर राज्य सरकार ने ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में झारखंड स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया था। समारोह की मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू थीं। अध्यक्षता मुख्यमंत्री रघुवर दास कर रहे थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रो. दिनेश उरांव थे। समारोह में सब कुछ ठीक ही चल रहा था। दोपहर करीब पौने तीन बजे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने करीब 15 मिनट तक अपनी बातें रखी ही थीं कि पंडाल के एक कोने से पारा शिक्षकों के एक समूह ने हंगामा शुरू कर दिया। वे पूरी तैयारी से आये थे। शिक्षकों ने कुछ देर तक इंतजार किया कि शायद मुख्यमंत्री रघुवर दास शायद उनलोगों के बारे में कुछ घोषणा करेंगे, लेकिन उन्हें जैसे ही लगा कि अब सीएम पारा शिक्षकों के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे तो उनलोगों ने मोर्चा खोल दिया। पॉकेट से काले कपड़े और झंडे निकालकर दिखाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पारा शिक्षकों के हो-हंगामे के कारण समारोह में शामिल लोगों का ध्यान उनलोगों की तरफ चला गया। लोग अपनी कुर्सी से खड़े होकर देखने लगे। इस दौरान मुख्यमंत्री अपना भाषण देते रहे। अभी एक तरफ का हंगामा समाप्त भी नहीं हुआ था कि दूसरी तरफ से पारा शिक्षक खड़े होकर काले झंडे दिखाते हुए सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी दौड़े-दौड़े उनलोगों के पास पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानें। इसी बीच समारोह स्थल पर बने पंडाल के बाहर इंट्री गेट के पास पारा शिक्षकों ने सड़क जाम कर दी और जमकर हंगामा किया। इस दौरान ऐसा महूसस हुआ कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने भाषण को संक्षिप्त करते हुए समाप्त कर दिया। जब पारा शिक्षक मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान हंगामा करते हुए काले झंडे दिखा रहे थे, उसी समय पंडाल में पीछे की तरफ से घुसने वाले गेट पर भी उनके एक ग्रुप का विरोध प्रदर्शन चल रहा था। इसके बाद उग्र होते पारा शिक्षकों को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने नियंत्रित करने की कोशिश की, पर वे नहीं मानें। फिर पुलिस ने पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। लाठीचार्ज में कुछ पारा शिक्षकों को चोट आई है। कुछ घायल भी हो गये। इसके बावजूद वे वहां से भाग निकले।

लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पर मची भगदड़

मुख्यमंत्री रघुवर दास को काले झंडे दिखाने, मुख्य समारोह में कुर्सियां तोड़ने और हो-हंगामा करने के दौरान पारा शिक्षकों पर पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद मौके पर भगदड़ मच गई। पुलिस की लाठियों से बचने के लिए पारा शिक्षक उधर-उधर भागने लगे। इसमें कई लोग गिर भी गये और भीड़ उन पर चढ़ती भी पार करने लगी। इस दौरान कुछ पारा शिक्षक समारोह स्थल में घुस गये। पुलिस ने खोज-खोज कर उनलोगों को कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाला। ज्ञात हो कि पारा शिक्षक सुनियोजित तरीके से कई ग्रुप में बंटकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को भी नियंत्रित करने में परेशानी हो रही थी।
पारा शिक्षकों ने पहले ही की थी स्थापना दिवस समारोह में काले झंडे दिखाने की घोषणा 
अपनी नौकरी स्थायी करने और पड़ोसी राज्स छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर राज्यभर के करीब 67 हजार पारा शिक्षक आंदोलनरत हैं। उनलोगों ने ऐलान किया था कि यदि उनकी नौकरी स्थायी और वेतनमान की मांग पूरी नहीं होगी तो वे स्थापना दिवस समारोह में काले झंडे दिखायेंगे।

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