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दुमका: भाजपा नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने घर पर ही रखा उपवास

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दुमका: भाजपा नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने घर पर ही रखा उपवास

सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: कोराना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर पिछले एक महीने से जारी देश व्यापी लाक डाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के छात्र और मजदूरों को अविलंब घर वापस लाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड प्रदेश इकाई के आह्वान पर विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं ने आज अपने घरों में पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और एक दिवसीय उपवास पर बैठे। पार्टी की पूर्व घोषणा के अनुरूप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता और  दुमका से भाजपा के सांसद सुनील सोरेन, पूर्व समाज कल्याण मंत्री डाक्टर लुईस मराण्डी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभय कांत प्रसाद बम बाबु, विनोद शर्मा, जिलाध्यक्ष निवास मंडल,पिंटु अग्रवाल सहित कई प्रमुख नेता और  कार्यकर्त्ताओं ने अपने अपने आवास पर उपवास रखा। पूर्व समाज कल्याण मंत्री डाक्टर लोईस मरांडी ने उपवास के मद्देनजर जारी विज्ञप्ति में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार को उनके कर्तव्यों का बोध कराते हुए  जवाबदेही और जिम्मेवारी के साथ जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करने की सलाह दी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार  वर्तमान सरकार इस वैश्विक महामारी के समय भी असंवेदनशील होकर कार्य कर रही है और राज्य से बाहर फंसे  झारखंडी के भाई बहनों, छात्रों और मजदूरों को अभी तक कोई सहायता पहुॅचाने में नाकाम साबित हुई है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार सिर्फ कोरी घोषणा से राज्यवासियों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है। सरकार ने राज्य से बाहर अध्यनरत बच्चों को आपदा की इस घड़ी में वापस लाने की दिशा में अब तक कोई कार्य किया नहीं किया,प्रवासी भाई बहनों को सहायता राशि  पहुॅचाने की बात तो दूर राज्य के अन्दर भी लोंगो को समुचित भोजन पानी मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है । इसका प्रत्यक्ष प्रमाण दुमका जिले के शिकारीपाड़ा क्षेत्र में मंगलवार को घटी घटना है । जहां अनाज नहीं उपलब्ध होने के कारण भूख से बिलबिलाते  गरीब असहाय लोगों को सड़क पर उतरकर खाद्यान की गाड़ी रोक कर अनाज लूटने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्तव्यों से हट कर सभी मामलों में केन्द्र सरकार पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह चुरा कर आम लोगों को भरमाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की अव्यवहारिक कार्यशैली से राज्य में भयावह स्थिति बन गयी है। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार से कुछ नहीं हो पायेगा’’। का कथन सत्य साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि

राज्य सरकार सभी मामल पर केन्द्र सरकार पर मदद नहीं कर रहने का बहाना निकल कर आम जनता को दिग्भ्रमित कर रही है। इसी क्रम में सांसद सुनील सोरेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के नौनिहाल छात्र और मजदूरों के दयनीय स्थिति से अविलम्ब निजात दिलाने को लेकर संवेदनशील और गम्भीर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से झारखंड सहित समूचे देश को इस संकट उबारने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है और देश व्यापी लॉक डाउन के मद्देनजर राज्य वासियों को केन्द्र सरकार द्वारा हर तरह के आर्थिक एवं अन्य सहायता मुहैया कराये जा रहे हैं। लाक डाउन के लगभग एक माह की अवधि में केन्द्र सरकार ने अप्रैल माह के केन्द्रीय कर और शुल्क में राज्य के हिस्से की राशि  हस्तांन्तरण कर दिया है जिसकी राशि 1525.27 करोड़ रूपये है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा  आपदा प्रबंध के लिए पहली किस्त के रूप में  राज्य को लगभग 28400 लाख रूपये की राशि हस्तांतरित कर दी गयी है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व राज्यसभा सांसद अभय कांत प्रसाद ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 11,62,851 लाभुकों के खाते में 232.57 करोड़ रुपए की राशि का हस्तांतरित कर दिया है जिससे किसानों को कुछ राहत मिल सके। पूर्व विधायक देवेन्द्र कुंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देश के लगभग 71,23,220 लाभुकों के खाते में 500 रुपए प्रति लाभुक की दर से कुल 356.16 करोड़ की राशि हस्तांतरित कर दिये गये हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद शर्मा, जिलाध्यक्ष निवास,पिंटु अग्रवाल पूर्व जिला बीस सूत्री समिति के उपाध्यक्ष दिनेश दत्ता सहित कई प्रमुख नेताओं ने राज्य सरकार पर संकट की घड़ी में भी आम जनता को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने में पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाते हुए दूसरे राज्यों में विभिन्न कारणों से लम्बे समय से फंसे झारखंड के बच्चे, गरीब महिला और मजदूरों को अविलंब घर वापस लाने कु दिशा त्वरित पहल करने की मांग पर जोर दिया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 12 लाख 88 हजार 850 लाभुकों के खाते में 500 रूपया प्रति लाभुक की दर से लगभग 64.44 करोड़ रुपए हस्तांतरित कर दिया गया है वहीं कोरोना संक्रमण काल के दौरान रोजाना खर्च के लिए जिला खनिज फाउण्डेशन से लगभग 256.84 करोड़ दिया जाना है।

बीते 28 मार्च तक 3 करोड 10 लाख रूपये हस्तांतरित किये जा चुके है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 29 लाख 38 हजार 610 लाभुकों 235.28 करोड़ की राशि दिया जाना है। इसमें से 172.74 करोड़ रूपए  हस्तांतरित कर दिया गया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि बीते 1- 16 अप्रैल तक 5 लाख से ज्यादा गैस सिलिण्डर वितरित किये जा चुके हैं। इसी तरह क्षप्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा एक  लाख 31 हजार 850 मैट्रिक टन अनाज  विमुक्त किया जा चुका है, जिसे वर्तमान में लाभुकों के बीच वितरित किया जा रहा है।

वहीं केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अन्तर्गत 5711.60 मैट्रिक टन बीज  की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गयी है।
इसके साथ ही झारखंड में लगभग दस लाख लोगों को भोजन सामग्री का वितरण किया जा चुका है। भाजपा नेताओं ने गरीब, असहाय एवं जरूरत मंद लोगों के बीच खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था को लचर व्यवस्था की संज्ञा देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार से इतनी सहायता मिलने के बाद भी राज्य सरकार बार बार यह कह रही है कि केन्द्र सरकार सहयोग नहीं कर रही है। इससे स्पष्ट हो गया है हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की मिली जुली सरकार अपनी कमी छिपाने के लिए व्यक्तिगत विद्वेष और ओछी राजनीति का सहारा लेकर जनता को भरमाने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री को इस संकट की घड़ी मेंमें इस प्रकार की ओछी राजनीति से उपर उठ राज्य की जनांकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करने की अपील की।

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