इन पांच लोगों की वजह से तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच मचा है घमासान
सिटी पोस्ट लाइव : लालू प्रसाद यादव के कुनबे में ही घमासान मचा हुआ है. उनके दोनों बेटे जप्रताप यादव और तेजस्वी यादव आपस में ही उलझ पड़े हैं. दोनों के बीच दुरी इस कदर बढ़ चूका है कि तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच टेलीविज़न चैनल के जरिये ही संवाद हो रहा है. तेजप्रताप यादव ने मीडिया के जरिये तेजस्वी को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पार्टी दो दिन में जो फैसला लेगी उसके बाद मैं फैसला लूंगा. उन्होंने कहा कि मैं अभी भी इंतजार में हूं कि शिवहर और जहानाबाद को लेकर बात बने.
तेजप्रताप ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मां राबड़ी देवी सारण सीट से चुनाव लड़ें, क्योंकि यह उनकी पुश्तैनी सीट है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर मेरी बात नहीं मानी जाएगी तो मैं चुनाव लड़ूंगा. सारण में कोई भी होगा उसे रणभूमि में हराएंगे. जाहिर है तेजप्रताप के तेवर बागी हैं और वह फिलहाल अपने स्टैंड पर कायम हैं.
चंद्रप्रकाश.
जहानाबाद सीट से तेजप्रताप यादव अपने करीबी चंद्रप्रकाश को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, जबकि तेजस्वी यादव ने आरजेडी से सुरेंद्र यादव को टिकट दिया है. तेजप्रताप के बहुत अच्छे दोस्त चंद्रप्रकाश जाति से यादव हैं. अगर चंद्र प्रकाश चुनाव में डटे रहे तो आरजेडी को इस सीट पर नुकसान हो सकता है.चंद्रप्रकाश जहानाबाद में सियासी लड़ाई को स्थानीय बनाम बाहरी बताते हैं और कहते हैं कि सुरेंद्र प्रसाद यादव यहां के नहीं हैं.
अंगेश सिंह.
तेजप्रताप अपने करीबी अंगेश सिंह को शिवहर से टिकट दिलाने पर अड़े हैं जबकि यहां से आरजेडी के विधायक अबु दोजाना दावेदारी ठोक रहे हैं. हालांकि अभी किसी का नाम घोषित नहीं किया गया है, लेकिन आरजेडी दरभंगा में अली अशरफ फातमी की नाराजगी के बाद अब अबू दोजाना को खफा नहीं करना चाहती है.
दरअसल तेजप्रताप जब बिहार में बदलाव यात्रा पर निकले थे तो अंगेश और चंद्रप्रकाश ने तेजप्रताप का साथ दिया था. अब तेजप्रताप इनको टिकट दिलाकर पार्टी में अपनी हैसियत होने का संदेश समर्थकों को देना चाहते हैं.अंगेश कुमार सिंह ने खुद को शिवहर से भावी प्रत्याशी घोषित कर पोस्टर जारी किए थे.
चंद्रिका राय.
चंद्रिका राय तेजप्रताप के ससुर हैं और सारण की परसा विधानसभा सीट से पार्टी विधायक हैं. पत्नी ऐश्वर्या से चल रहे तलाक के मामले बीच तेजप्रताप नहीं चाहते थे कि पार्टी चंद्रिका राय को लोकसभा का टिकट दे. हालांकि तेजस्वी यादव ने एक नहीं सुनी और चंद्रिका राय को सारण से टिकट दे दिया.अब तेजप्रताप ने खुला ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी मां सारण से चुनाव लड़ती हैं तो ठीक है वरना वह सारण से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
राजेंद्र पासवान.
तेजप्रताप और तेजस्वी में दूरी पिछले साल जून से ही तब दिखनी शुरू हो गई थी जब दोनों में राजेंद्र पासवान को लेकर विवाद हुआ था. दरअसल तेजप्रताप अपने पसंदीदा राजेंद्र पासवान को आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने रामचंद्र पूर्वे पर ही विश्वास कायम रखा.हालांकि तेजस्वी ने बाद में राजेंद्र पासवान को प्रदेश महासचिव बना दिया था. तब राजेंद्र पासवान ने खुद को तेजप्रताप यादव का भक्त बताया था.
रामचंद्रे पूर्वे.
तेजप्रताप कई बार कह चुके हैं कि कुछ खास नेताओं के इशारे पर पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही है. खासकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे उनके निशाने पर रहते हैं. जब बीती 26 जनवरी को तेजप्रताप के लिए आरजेडी दफ्तर में ताला लगा दिया गया था तब भी उन्होंने इसका ठीकरा पूर्वे पर फोड़ा था.दरअसल तेजप्रताप यादव के तमाम विरोध के बाद भी तेजस्वी यादव और लालू परिवार का विश्वास रामचंद्र पूर्वे पर बना हुआ है, उसे लेकर तेजप्रताप नाराज हैं.
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