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भारत में है एक अलग तरह का कोरोना वायरस, जानिये क्या है माजरा?

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस (Corona Virus in India) की वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया भर के जानेमाने वैज्ञानिक जुटे हुए हैं.लेकिन अबतक सफलता नहीं मिली है. इस बीच हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बयॉलजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा किया है.उनके अनुसार देश में कोरोना संक्रमित लोगों में एक अलग तरह के कोरोना वायरस (SARS-CoV2) का पता लगा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि फिलहाल यह दक्षिणी राज्य जैसे- तमिलनाडु और तेलंगाना में ज्यादातर पाया गया है.

वैज्ञानिकों ने वायरस के इस अनूठे समूह को ‘क्लेड ए3आई’ नाम दिया है, जो भारत में जीनोम (जीनों के समूह) सीक्वेंस के 41 फीसदी सैंपलों में पाया गया है. वैज्ञानिकों ने 64 जीनोम का सीक्वेंस तैयार किया है. सीसीएमबी के अनुसार यह ग्रुप फरवरी 2020 में वायरस से पैदा हुआ और देशभर में फैल गया. इसमें भारत से लिए गए SARS-CoV2 जीनोम के सभी सैंपलों के 41 फीसदी और सार्वजनिक किए गए वर्ल्ड जीनोम का साढ़े तीन फीसदी है. सीसीएमबी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत आता है. सीसीएमबी के डायरेक्टर और रिसर्च पेपर के सह-लेखक राकेश मिश्रा ने कहा कि तेलंगाना और तमिलनाडु से लिए गए ज्यादातर सैंपल क्लेड ए3आई की तरह हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर सैंपल भारत में कोविड-19 के फैलने के शुरूआती दिनों के हैं.

मिश्रा के अनुसार दिल्ली में पाए गए सैंपलों से इसकी थोड़ी सी समानता है. लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात के सैंपलों से कोई समानता नहीं है. कोरोना वायरस का यह टाइप सिंगापुर और फिलीपींस में पता चले मामलों जैसा है. आने वाले दिनों में और अधिक सैंपलों का जीनोम सीक्वेंस तैयार किया जाएगा और इससे इस विषय पर और जानकारी मिलने में मदद मिलेगी. भारत में SARS-CoV2 के अलग और बहुत ज्यादा मात्रा में उपलब्ध समूह की विशेषता बताने वाला यह पहला व्यापक अध्ययन है.

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