खरसावां गोलीगांड के शहीदों के आश्रितों को मिलेगी नौकरी: मुख्यमंत्री
सिटी पोस्ट लाइव, खरसावां: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 जनवरी 1948 के खरसावां के शहीदों को बुधवार को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने खरसावां गोलीकांड के शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शपथ ग्रहण के बाद पहली बार रांची से बाहर खरसावां शहीद स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। हेमंत सोरेन ने कहा कि जनजातीय समाज के पुरखों ने शोषण के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है। लड़ाई शोषक सामंतो, महाजनों और यहां तक की अंग्रेजों के खिलाफ भी उलगुलान किया है। राज्य का कोल्हान हो, संथाल परगना हो, पलामू हो या फिर छोटानागपुर हर जगह शहीदों के वीर गाथा इस राज्य की गरिमा को बढ़ा रही है, उनके संघर्ष को दर्शा रही है। हमें इन शहीदों के आदर्शों से शक्ति मिलती है, जिस तरह गुवा गोली कांड में शहीद लोगों को चिन्हित कर नौकरी दी गई, उस तरह खरसावां गोलीकांड में शहीद के आश्रितों को वर्तमान सरकार नौकरी देगी। उन्हें पेंशन देने का कार्य होगा। अब इस राज्य में ऐसा कोई काम नहीं होगा और कोई ऐसा नियम नहीं बनेगा, जिससे राज्य के लोगों को परेशानी हो, तकलीफ हो और जनमानस में गुस्सा हो।
आदिवासियों में झारखण्डी के हित में ही होंगे सभी निर्णय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय लिया गया। उसमें एक संदेश है। उस संदेश में कई चीजें हैं। अब इस राज्य में सिर्फ वही काम होगा जो राज्य हित मे होगा। यहां सिर्फ आदिवासियों और झारखंडियों के हित में निर्णय लिए जाएंगे। राज्य में अब सिर्फ वही काम होगा जो जन मानस के लिए लाभदायक होगा। झारखण्ड में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं मरेगा। सबको अनाज सरकार देगी। पिछले 5 वर्ष में जो कलंक लगा है उसको भी धोना है। शपथ ग्रहण के बाद से मुझसे लोगों का मिलना अनवरत जारी है। उनकी आकांक्षाएं और उम्मीदें बहुत हैं। उनका प्रयास होगा कि इस राज्य के हित में और यहां के लोगों के हित में ही काम होगा। मेरा हर कदम झारखण्ड का मान- सम्मान बढ़ाने, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर रास्ता निकालने वाला, हमारी मां, बहन और बेटियों की सुरक्षा के लिए और अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए होगा। झारखण्ड को सोने की चिड़िया बनाने के लक्ष्य को हम सभी झारखंडवासी मिलकर प्राप्त करेंगे।
हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार बनने के बाद यह सरकार का पहला कदम है। सरकार गठन के बाद मैं आज रांची से बाहर आया हूं। हर साल की तरह इस साल भी हम लोग खरसावां के शहीद स्थल पर एकत्रित हुए हैं। निश्चित रूप से झारखण्ड शहीदों का राज्य है। मैं पुनः उन सभी शहीदों को नमन करता हूं और उन शहीदों को याद करके ही हम हर काम प्रारंभ करेंगे। राज्य के पिछड़ा होने के बावजूद शोषण करने वाले वर्गों के खिलाफ हमारे लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। पूरे राज्य के लोगों ने, आंदोलकारियों ने एक मजबूत प्रयास किया और आज इस राज्य में झारखंडवासियों की सरकार का निर्माण हुआ है। आपने जिस सोच के साथ आशा और उम्मीद के साथ हमें झारखण्ड को आगे ले जाने की जिम्मेवारी सौंपी है, उसका निर्वहन ईमानदारी से करुंगा। यह जिम्मेवारी, यह चुनौती बहुत बड़ी है। हम मिलकर इसके बीच से रास्ता भी निकलेंगे। राज्य के शहीदों ने हमें चुनौतियों को सीने से लगाने का बुलंद हौसला दिया है। इस अवसर पर सरायकेला विधायक चम्पई सोरेन, मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी, खरसावां विधायक दशरथ गगरई, जमशेदपुर पश्चिमी विधायक बन्ना गुप्ता, चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, ईचागढ़ विधायक सविता महतो और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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