सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के संक्रमण के नियंत्रण में आने के साथ ही सबकुछ सामान्य होने लगा है.स्कूल-कॉलेज भी खुल गये हैं.लेकिन अभीतक सरकार ने मंदिरों को अनलॉक नहीं किया है. अब सरकार में सहयोगी बीजेपी (BJP) के नेताओं ने सरकार के सामने मंदिरों को खोलने की मांग रख दी है. बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना के मामले काफी घट गए हैं. क्योंकि श्रावण मास नजदीक है, ऐसे में अब आम लोगों की मांग है कि मंदिरों पर लगा प्रतिबंध भी हटे. लोगों को कोविड नियमों के पालन के साथ मंदिरों में दर्शन की इजाजत दी जाय.
बीजेपी प्रवक्ता मनोज शर्मा ने भी सरकार से मांग करते हुए कहा है कि ये लोगों के आस्था का सवाल है. कोविड नियमों के पालन के साथ मंदिरों को खोल देना चाहिए. बिहार के लोग जागरुक हैं. स्वविवेक पर उन्हें मंदिरों में दर्शन की इजाजत मिले.बीजेपी का कहना है कि जल्द सावन का महीना शुरू होने वाला है. तो ऐसे में लोगों की आस्था को देखते हुए कोविड नियमों के साथ मंदिरों के दरवाजे खोल देने चाहिए. लेकिन उन्हीं के सहयोगी जेडीयू को ऐसा नहीं लगता और उनके नेता बीजेपी की इस मांग पर कोरोना के तीसरे लहर की आशंकाओं का हवाला दे रहे है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है की सभी बड़े मंदिर कोविड के कारण बंद है और मंदिर खुले या नहीं मंत्रीपरिषद उसपर सामूहिक निर्णय लेगा.
कोरोना (COVID-19) की दूसरी लहर शुरू होते ही सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) लगाकर राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी. लेकिन जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण की रफ़्तार कम होती गई सरकार ने लोगों को छूट भी देना शुरू कर दिया. सरकार ने अनलॉक (Bihar Unlock) की प्रक्रिया शुरू करते हुए बाजार, ट्रांसपोर्ट, पार्क, शादी विवाह जैसी पब्लिक गेदरिंग वाली गतिविधियों में छूट दी, लेकिन धार्मिक स्थलों में आज भी ताले लटक रहे हैं.दरअसल, धार्मिक स्थलों को खोल देने से फिर से संक्रमण बढ़ जाने का खतरा है.ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि क्या नीतीश कुमार बीजेपी के दबाव में मंदिरों का ताला खोल देगें?
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