विशेष” : ट्रान्सपोर्ट से 4 हजार बोतल कोडिन युक्त कफ-सिरप बरामद,मेडिकल एजेंसी में छापेमारी
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : सहरसा में नशे का कारोबार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है । बीती रात सदर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सदर थाना क्षेत्र के रिफ्यूजी कालोनी स्थित जनता ट्रान्सपोर्ट से 4 हजार बोतल कोडिन युक्त कफ सिरप बरामद करने में कामयाबी पाई है ।पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कर्मी से पुछताछ के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर स्थानीय शंकर चौक के कोसी होटल परिसर स्थित भारत मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी कर दवा दुकानदार सहित तीन लोगों को पुछताछ के लिए हिरासत में लिया है ।सदर एस.डी.पी.ओ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि जनता ट्रांसपोर्ट में दवा के नाम पर आपत्तिजनक और प्रतिबंधित दवा मंगाए जाने की उन्हें सूचना मिली ।इस जानकारी को उन्होंने सहरसा एस.पी. राकेश कुमार से साझा किया और उसके बाद एस.पी.के निर्देश पर उनके नेतृत्व में जनता ट्रांसपोर्ट के विभिन्य कक्ष और परिसर में छापेमारी की गयी ।ट्रांसपोर्ट से चालीस कार्टून कोडिन युक्त कफ सिरप बरामद किया गया ।पूछताछ के दौरान ट्रांसपोर्टर ने बताया कि दवा भारत मेडिकल एजेंसी की है ।जिसके बाद दवा एजेंसी में छापेमारी की गई ।लेकिन हद की इंतहा देखिए कि दुकानदार ने दवा मंगाने से इंकार कर दिया .
दबंग तिवारी ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा सिरप की जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी ।अभी ट्रांसपोर्टर व दुकानदार से पूछताछ की जा रही है ।वैसे इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है ।छापेमारी में सदर थानाध्यक्ष आर.के.सिंह सहित कई अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे ।
आखिर क्या है यह कोडीन युक्त सिरप—-
कोडीन युक्त सिरप कहने के लिए खांसी को खत्म करने वाला सिरप है ।लेकिन यह सेवनकर्ता पर नशे जैसा तीव्र असर दिखाता है ।इसे पीने से पहले उत्तेजना आती है,फिर शरीर सुस्त और कुंद हो जाता है ।यह सिरप,पीने वालों को अवचेतन या नींद जैसी स्थिति में पहुंचा देता है ।यह सेवनकर्ता को नशेड़ी बना देता है ।इस सिरप को पीने वाले,इसे पीने के बाद मीठी चाय पीते हैं और उसके बाद गांजे और सिगरेट का कश लगाते हैं ।यही नहीं इसके साथ अलग से नींद की गोलियां भी खाते हैं ।यानि पूरे नशे में आने के बाद सेवनकर्ता खुद को भूल बैठता है और वह नशे की हालत में किसी भी घटना को अंजाम दे देता है ।यह सिरप नशे का पर्याय बन चुका है ।इस कारण से यह अब खांसी के बजाय नशे के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाने लगा है । इस सिरप की बिक्री हर मौसम में धाकड़ होती है ।
यह जानना भी है जरूरी—
इस कफ सिरप में कोडिन, फास्फेट,इफेड्रिन,बोमेक्सिन जैसा नशीला रासायनिक पदार्थ मिला होता है ।उसमें से कोडिन जैसा रसायन मूलत: जहरीले धतूरे के फल में मिलता है जबकि कुछ आयुर्वेदिक कफ सिरप में दो प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा मिली होती है ।बाजार में कोरेक्स, बेनाड्रिल,टोरेक्स,कफीना, फेंसिड्रिलन आदि नाम से यह कफ सिरप ज्यादा बिकते हैं ।वैसे इसके और भी कई अंग्रेजी नाम सिरप की बोतल पर चस्पां रहते हैं ।वैसे इसके सेवनकर्ता इस सिरप की मांग दुकानदारों से चंदन और फाईल के नाम से करते हैं ।ये सभी कफ सिरप नशे जैसा प्रभाव सेवनकर्ता पर दिखाते हैं । जाहिर सी बात है कि उसके इसी प्रभाव के कारण यह नशे के रूप में अब ज्यादा उपयोग किया जाने लगा है ।साथ ही इसकी सर्वत्र उपलब्धता एवं शराब जैसी दुर्गंध नहीं होने के कारण इसका नशे के तौर पर इसका इस्तेमाल बढ़ा है। बेशर्मी की इंतहा तो यह है कि शराबबंदी के बाद अब शहर से लेकर गाँव तक बड़े युवा कफ सिरप की पार्टी करते हैं ।
क्या कहते हैं डॉक्टर ?
कफ सिरप उपयोग करने पर नशे जैसा प्रभाव दिखाता है ।यह मस्तिष्क पर सीधे असर करता है ।पहले उत्तेजना लाता है फिर शरीर को सुस्त कर देता है । धीरे-धीरे अवचेतन की स्थिति लाता है।शरीर के भीतर यह कफ को निकालने वाले अंगों पर प्रभाव दिखाता है।गला सूखने लगता है।यह मस्तिष्क,किडनी, पेट,आंत,फेफड़ा आदि सब पर अपना जहरीला असर दिखाता है।मेटाबालिज्म पाचन तंत्र को बिगाड़ देता है।शरीर में शुगर की मात्रा अचानक बढ़ जाता है।ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है ।धमनियों में बहने वाले रक्त की गति बुरी तरह से प्रभावित होती है ।यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को रफ्ता-रफ्ता कम करता है।धीरे-धीरे यह शरीर के सभी मुख्य अंगों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है और उसपर बुरा प्रभाव डालता है ।
ज्यादातर अपराध के पीछे इस सिरप का सेवन होता है ।सहरसा जिला मुख्यालय के भीतर बीते 2 वर्षों के भीतर कम उम्र के युवाओं ने यही सिरप पीकर हत्या और लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया है ।जिला मुख्यालय के भीतर अमन सिंह,टिकलू सिंह,रौशन सिंह,मन्नू सिंह,उमेश साह,अमित शाह और मोहम्मद चांद की हत्या कोरेक्स सिरप पीने के बाद ही की गयी है ।सारी हत्याएं कम उम्र के युवाओं ने की है वह भी गोली मारकर ।इसके अलावे कई लूट की घटना को भी सिरप पीकर अंजाम दिया गया है ।यानि यह सिरप अब पूरी तरह से हत्यारा और लुटेरा सिरप बन चुका है ।
एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी की दरियादिली—
सहरसा के लोग प्रभाकर तिवारी की पुलिसिंग से खुश होकर उन्हें दबंग तिवारी के नाम से पुकारते हैं ।इस सिरप बरामदगी के दौरान उन्होंने तीन लोगों को हिरासत में लिया है ।इन तीनों में एक ऐसा लड़का भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया जिसने 15 दिन पहले ही भारत मेडिकल एजेंसी में अपनी नौकरी शुरू की थी ।उसे अभी दवा के बारे में अधिक जानकारी भी नहीं हो पाई थी लेकिन वह भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया ।प्रभाष कुमार मिस्त्री नाम के इस लड़के की आज इंटर की परीक्षा थी ।हम अमूमन इस जिले के पुलिस अधिकारियों की वसूली प्रथा की वजह से एक दूरी रखते हैं ।हमने एक पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता को यह जिम्मेवारी सौंपी की वह एस.डी.पी.ओ. प्रभाकर तिवारी से बात कर के इस युवक के भविष्य को बचाये ।इस पत्रकार ने भगीरथ कोशिश की जिससे उस मासूम को परीक्षा देने की ईजाजत दबंग तिवारी ने दे दी ।पुलिस अभिरक्षा में उसे परीक्षा दिलाने ले जाया गया ।वैसे एस.डी.पी.ओ. की इस दरियादिली के हम मुरीद हुए हैं लेकिन इस खबर के माध्यम से हम एस.डी.पी.ओ. और अन्य बड़े पुलिस अधिकारियों को यह कहना चाहते हैं कि यह लड़का निर्दोष है ।इसे जेल ना भेजें ।अगर यह जेल गया,तो वहां उसकी मुलाकात अपराध जगत के कुलपतियों से होगा ।जेल जाकर यह अपराध जगत के खेल-तमाशे को सीखेगा ।अगर एस.डी.पी.ओ. प्रभाकर तिवारी को सच्ची दिलेरी दिखानी है और उचित कारवाई से किसी का जीवन बचाना है तो,इस लड़के को बाईज्जत रिहा कर देना ही मुनासिब होगा ।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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