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23 मई से पहले हीं शुरू हो गयी है सरकार बनाने की संभावनाओं पर माथा पच्ची, एक्टिव हुआ विपक्ष

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23 मई से पहले हीं शुरू हो गयी है सरकार बनाने की संभावनाओं पर माथा पच्ची, एक्टिव हुआ विपक्ष

सिटी पोस्ट लाइवः 19 मई यानि कल लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग होनी है और 23 मई को नतीजे आने हैं लेकिन 23 मई से पहले हीं सरकार बनाने की संभावनाओं पर माथापच्ची शुरू हो गयी है। खासकर विपक्ष इस अंदेशे को आधार बनाकर आगे की रणनीति तैयार कर रहा है कि इस बार किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है और गठबंधन की सरकार केन्द्र में बनने की पूरी संभावना है इसलिए नये सहयोगी तलाशे जा रहे हैं और पुराने सहयोगियों के बीच बात मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में आज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाक़ात की. इस दौरान मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे.

आज उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की है. इसके बाद आज ही चंद्रबाबू नायडू शरद पवार, मायावती और अखिलेश से भी मुलाक़ात करेंगे. माया और अखिलेश से मुलाक़ात आज शाम लखनऊ में होगी. इसके बाद लखनऊ में ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है जिसमें कोई बड़ा ऐलान भी सकता है. माना जा रहा है कि तीसरे मोर्चे को बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से कोशिश तेज हो गई है और इसी सिलसिले में नेताओं के मिलना हो रहा है. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को लेकर प्रतिबद्ध है और गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यदि कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है, तो तब भी उसे किसी क्षेत्रीय नेता का समर्थन करने से कोई गुरेज नहीं होगा.

सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों को साथ लाने के लक्ष्य से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विश्वासपात्र नेताओं से कहा है कि वे 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही एक बैठक बुलाएं. आजाद ने गुरुवार को शिमला में कहा था, ‘‘मेरा पार्टी आलाकमान पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कांग्रेस को किसी क्षेत्रीय पार्टी से प्रधानमंत्री बनाने में कोई गुरेज नहीं है.’’ हालांकि शुक्रवार को अपने रुख में कुछ बदलाव करते हुए आजाद ने कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए दावा नहीं करेगी. कांग्रेस सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी है, यदि सरकार को पांच साल चलाना है तो उसे मौका मिलना चाहिए.’’

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