बिहार में चूहे गटक गये करोड़ों की शराब,एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का कारोबार धरल्ले से फल-फुल रहा है. लेकिन शराबबंदी के बिहार में चूहे भी शराबी हो गये हैं. यह हम नहीं सरकारी तंत्र कह रहा है. शराबबंदी के बाद ये दूसरा मौका है जब राज्य में शराब के स्टॉक में चूहों ने सेंध लगाई हो. सरकार किसी भी घोटाले से बचने के लिए चूहे को ही गुनाहगार बनाने लगे हैं. मामला कैमूर का है जहाँ चूहे करोड़ों रुपए की बीयर पी गए हैं.
दरअसल कैमूर में शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया चल रही थी. जब्त शराब भभुआ के माल गोदाम में रखी गई थी. ये शराब 2016 से लेकर अब तक उत्पाद विभाग की टीम ने पकड़ी थी. सोमवार को जब शराब को नष्ट किया जा रहा था तो जब्त शराब और नष्ट शराब की कीमत में 10 हजार रुपये का अंतर आया. जिसके बाद यह बात सामने आई कि कुछ शराब स्टोरेज के दौरान चूहे पी गए.जिला प्रशासन ने 30 लाख रुपए की 11 हजार लीटर शराब को नष्ट किया. डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रोलर से शराब नष्ट की गई, जिसमें देशी, विदेशी शराब के साथ बियर भी थे. चूहों के शराब पीने के बारे में जब एसडीएम कुमारी अनुपम सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शराब के कार्टन को नष्ट कर दिया गया है और इसका भौतिक सत्यापन चल रहा है कि चूहों ने कितनी शराब नष्ट की है. फिलहाल एसडीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
बता दें यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब बिहार में चूहों को शराबी बना दिया गया है. इससे पहले भी शराब गायब होने के लिए चूहों को जिम्मेदार बताया गया था. पिछले साल पटना एसएसपी मनु महाराज ने पटना नगर निगम चुनावों को देखते हुए सभी थानेदारों की बैठक बुलाई थी और कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा की थी. जब बैठक चल रही थी तो मनु महाराज ने थानेदारों से पूछा था कि शराबबंदी लागू होने के बाद जितनी भी शराब जब्त हुई है और जिसे थाने के मालखाने में रखा गया है, आखिर उसमें कमी क्यों आ रही. जिसके बाद थानेदारों ने सारा ठीकरा चूहों पर दे मारा था. तब बिहार के राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे को लेकर खूब बहस हुई थी साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला था.
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