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कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे करें इस महामारी से बचाव, जानिये .

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कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे करें इस महामारी से बचाव, जानिये .

सिटी पोस्ट लाइव :विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत कोरोना वायरस कोविड 19 अब दुनिया के 166 देशों में फैल गया है और इसके कारण 8,657 मौतें हो चुकी हैं.कोरोना वायरस कोविड 19 क्या है और यह कैसे फैलता है? इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते.

इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है. इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है. बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है.वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है.

कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है.बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है.

कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.

14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.

कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें.क्या कोरोना वायरस कोविड 19 पहला ऐसा वायरस है जिसे पैन्डेमिक कहा गया है?

दूसरे देशों ने भी इस वायरस से बचने के लिए अपने अपने देशों में स्कूल कॉलेज बंद करने और सर्वजनिक सभाएं रद्द करने जैसे क़दम उठाएं हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों के लिए एहतियात बरतने के तरीक़ों के बारे में जानकारी जारी की है.संक्रमण के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारी या कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए. जो लोग बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं उनकी जांच की जाएगी.अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीज़ जिनमें फ्लू (सर्दी ज़ुकाम और सांस लेने में तकलीफ) के लक्षण हैं, स्वास्थ्य सेवा अधिकारी उनका परीक्षण करेंगे.परीक्षण के नतीजे आने तक आपको इंतज़ार करने और दूसरों से खुद को दूर रखने के लिए कहा जाएगा.

रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे.विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 166 देशों में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 2,07,860 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं.

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