बिहार में corona virus जांच के लिए 121 संदिग्ध मरीज रजिस्टर्ड, निगरानी में 43 लोग.
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना का असर इसबार बिहार में होली के त्यौहार पर भी दिख रहा है. इस वायरस को फ़ैलाने से रोकने के लिए बीजेपी के नेताओं ने होली मिलन समारोह नहीं करने का फैसला लिया है. चीन से निकलकर दुनिया के 77 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस के बिहार पहुँचने की आशंका को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने भी एहतियातन कई कदम उठाए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को निर्देश जारी कर इसकी जांच और इससे संबंधित सुरक्षात्मक उपाय पर एक्शन लेने को कहा है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार (Sanjay Kumar, Principal Secretary, Health Department) ने जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य के सभी हवाई अड्डों पर आइसोलेशन वार्ड (Isolation wards at airports) बनाया गया है और यात्रियों की लिस्टिंग तैयार करने के साथ आसीसी सामग्री का प्रदर्शन किया जा रहा है.प्रधान सचिव ने बताया कि सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि सभी ग्राम पंचायतों में गुरुवार से बैठक कर एएनएम, आंगनबाड़ी और हेल्थ वर्कर्स को जागरूक किया जाए और संदिग्ध मरीजों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती करवाएं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सभी जिला अस्पतालों को राज्य के 9 मेडिकल कॉलेजों से सीधे जोड़ा गया है. इसके माध्यम से संक्रमण का संदेहास्पद मरीजों का आसानी से सैंपल इकट्ठा किया जा सके.
नेपाल से सटे 7 जिले को खास अलर्ट पर रखा गया है. जबकि वैशाली, नालंदा, गया के होटलों में ठहरनेवाले यात्रियों पर विशेष निगरानी रखने का भी निर्देश दिया है. संबंधित जिलों के होटलों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बतौर एडवायजरी भी जारी कर दी है और कहा है कि संदेहास्पद यात्रियों को 28 दिनों के लिए सर्विलांस पर रखा जाएगा. जबकि किसी भी तरह की सूचना के लिए 24 घंटे के लिए 104 नंबर का कॉल संटेर भी स्थापित कर दिया गया है जिस पर संदेह होते ही या कोई परेशानी होने पर लोग तुरंत संपर्क कर सकते हैं.
गौरतलब है कि अब तक राज्य में कुल 49 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है जिनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव है. जबकि जांच के लिए रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या 121 है और 14 दिनों की निगरानी में कुल 43 मरीजों को रखा गया है. कुल 568 स्थानों पर आईसी सामग्री को प्रदर्शित भी किया जा रहा है.जाहिर है अबतक भले ही राज्य में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं, लेकिन सरकार ने एहतियातन कदम उठाते हुए अस्पतालों से लेकर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अब ग्राम पंचायत तक जागरूकता अभियान चलाने के लिए साथ -साथ मेडिकल कैंप का गठन करने जा रही है ताकि बिहार इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सके.
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