सिटी पोस्ट लाइव ( अविनाश सिंह चौहान) : जब भी चुनाव आता है नेजाती हाथ जोड़े दरवाजे के बाहर खड़े नजर आते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता और जनता की समस्याओं को भूल जाते हैं. छपरा गरखा प्रखंड के लोगों ने नेताओं की राह देखने की बजाय खुद चंदा जुटाकर गंडक नदी पर पूल का निर्माण कर एक नया निसाल कायम कर दिया है.लोगों का कहना है कि बार बार के आग्रह के वावजूद भी जब जन-प्रतिनिधयों ने कुछ नहीं किया तो उन्होंने अपने दम पर अपनी इस समस्या का संधान ढूँढने का संकल्प ले लिया. फिर क्या था चंदा वसूल वसूल कर गंडक नदी पर दो साल में पूल बना डाला और खुद ही उसका उद्घाटन भी कर लिया.10 लाख की लागत से बने इस पुल से 15 गांव के लोगों को फायदा होगा.अब इन गावों के लोगों को शहर जाने में अब कम दूरी तय करनी पड़ेगी.गरखा प्रखंड के बैकुंठपुर में लोग बरसों से एक पुल की मांग कर रहे थे लेकिन जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए थे. गंडक नदी पर पुल नहीं होने के कारण लोगों को उसे पार करने में काफी दिक्कत होती थी और काफी लंबा सफर तय कर शहर जाना पड़ता था.सबसे ख़ास बात कि इस पुल के बनने के बाद इसके उद्घाटन के लिए भी किसी जनप्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया.गांव के लोगों ने खुद ही इसका उद्घाटन किया.
स्थानीय लोगों ने खुद ही पुल निर्माण का जिम्मा उठाया और 2 साल की मशक्कत के बाद इस पुल को बनाकर खुद ही उद्घाटन कर दिया. अजय सिंह ने बताया कि इस पुल के निर्माण में स्थानीय व्यवसायियों का भी काफी सहयोग रहा.ग्रामीणों बे बताया कि एक इस पुल के नही होने से दूसरे गांव घूमकर उन्हें शहर जाना पड़ता था. 7 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती थी. इस पूल के हो जाने के बाद महज 10 मिनट में साथ 3 किलोमीटर की ही दूरी तय कर अब वो शहर पहुँच जायेगें.इस पुलिया के निर्माण में अवकाशप्राप्त शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह, अजय सिंह पूर्व बीडीसी रेखा देवी, अनिल सिंह,राजेन्द्र सिंह, गोलू कुमार, बंटी कुमार समेत गावं के तमाम लोगों ने अहम भूमिका अदा किया है.ग्रामीणों का कहना है कि इससे पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं ग्रामीणों की सहयोग से चचरी पुल से लोग आया जाया करते थे. उसके ऊपर लोहे के चदरी बिछाया गया था जो बेहद खतरनाक था.अब पुल बन जाने से गाँव के लोग काफी खुश हैं.लोगों का कहना है कि इसबार वो वोट मांगने के लिए आनेवाले नेताओं को सबक सिखायेगें.
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