उपेन्द्र और शरद यादव को साथ लेकर कांग्रेस करेगी महागठबंधन में 18 सीटों की मांग
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा अब महागठबंधन का हिस्सा बनेगी. उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के साथ जाने का बहुत जल्द एलान करेगें. लेकिन रालोसपा सीधे महा-गठबंधन में जाने की बजाय कांग्रेस के जरिये महा-गठबंधन का हिस्सा बनेगी. शरद यादव और लालू यादव दोनों एक दुसरे पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करते. दोनों के बीच अगर तालमेल की संभावना बनी है तो इसकी वजह वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियां हैं. यहीं कारण है कि लालू यादव को भरोसे में लेने के लिए शरद यादव उनसे मिलने रांची पहुँच गए थे. लालू यादव से शरद यादव की मुलाक़ात के बाद ही उपेन्द्र कुशवाहा ने NDA छोड़ने का फैसला लिया. लेकिन शरद यादव सीधे महा-गठबंधन में शामिल होने के बजाय कांग्रेस के साथ मिलकर RJD के ऊपर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार शरद यादव और उपेन्द्र कुशवाहा को साथ लेकर कांग्रेस RJD से 18 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करेगी. इसी वजह से NDA छोड़ने के वावजूद अभितः उपेन्द्र कुशवाहा ने महा-गठबंधन में शामिल होने का औपचारिक एलान अभीतक नहीं किया है. पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी अब बिहार में पिछलग्गू की भूमिका में रहने की बजाय RJD के साथ बराबरी की दोस्ती चाहेगी. उपेन्द्र कुशवाहा और शरद यादव को साथ लेकर वह RJD पर बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव ठीक उसी तरह बनायेगी जिस तरह से नीतीश कुमार ने बीजेपी के ऊपर बनाया था.
दरअसल, शरद यादव उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर अब सेंटर स्टेज पर आ चुके हैं. कुशवाहा की तरफ से वहीँ लालू यादव और राहुल गांधी के साथ बातचीत कर रहे हैं. शरद यादव की कोशिश आरजेडी- कांग्रेस –रालोसपा को एक साथ लाकर बिहार में बीजेपी के मुकाबले के लिए एक शक्तिशाली गठबंधन बनाने की है.सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अब उपेंद्र कुशवाहा और शरद यादव को साथ लेकर बिहार में 18 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोकेगी. उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल होने के लिए आरजेडी से ज्यादा कांग्रेस नेताओं के संपर्क में लगातार रहे हैं. उनकी तरफ से कांग्रेस नेतृत्व अब आरजेडी के नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से सीट के बाबत बातचित को आगे बढायेगी. वैसे रालोसपा की मांग शुरू से ही 6 सीट की रही है.लेकिन अभीतक 4 से ज्यादा सीट का आश्वासन उन्हें लालू यादव की तरफ से नहीं मिली है.
सूत्रों के अनुसार काराकाट, सीतामढ़ी, नवादा, जहानाबाद और चतरा के अलावा रालोसपा दो और सीटें मांग रहा है. जहानाबाद और छात्र सीट नागमणि चाहते हैं. एक अपने लिए और दूसरी पत्नी के लिए.लेकिन अड़चन ये है कि दोनों जगहों से यानी जहानाबाद से आरजेडी के सुरेन्द्र यादव और चतरा से बालू के कारोबारी सुभाष यादव ताल ठोक रहे हैं. सूत्रों के अनुसार लालू यादव दोनों को वहां से चुनाव लड़ाने का वादा कर चुके हैं. इन्हीं दो सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है.
जाहिर है NDA के बाद अब महा-गठबंधन के अन्दर भी सीटों के बटवारे को लेकर घमशान शुरू होना तय है. महागठबंधन में पहले से ही माले, हम सेक्युलर, सीपीआई, सपा और बसपा शामिल है. बीजेपी विरोधी ताकतों की गोलबंदी के लिए सबको साथ लेकर चलाना जरुरी है.लेकिन सबकी मांग बहुत ज्यादा है. आरजेडी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 20 सीट मांगने वाले जीतन राम मांझी जैसे साथियों को एक –दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी करना है.
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