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अपने दागी मंत्रियों को लेकर असहज हैं CM नीतीश कुमार.

चावल घोटाले के आरोपी कृषि मंत्री के विभागीय बैठक में कभी साथ नहीं दीखते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

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सिटी पोस्ट लाइव :नीतीश कुमार भले महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन वो अपने कई मंत्रियों के साथ भी सहज मह्सुश नहीं कर रहे हैं.उनके कानून मंत्री को लेकर सवाल उठा और उन्हें कैबिनेट से बाहर करना पड़ा.लेकिन अभी भी उनके कैबिनेट में कई ऐसे दागी मंत्री हैं जिनके साथ मुख्यमंत्री सहज मह्सुश नहीं करते.उनकी असहजता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो जिस विभाग की बैठक लेते हैं उस विभाग के मंत्री के साथ बैठने के लिए तैयार नहीं हैं.एक ऐसे ही मंत्री हैं सुधाकर सिंह जो कृषि विभाग संभल रहे हैं.वो कभी विभागीय बैठक में नीतीश कुमार के साथ नजर नहीं आते.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में बैठक की. इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के साथ ही कृषि सचिव अन. सरवन और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल मौजूद रहे. लेकिन कृषि विभाग के मंत्री सुधाकर सिंह नहीं दिखे. ऐसा पहलीबार नहीं हुआ है.सुधाकर सिंह अगस्त में हुई ऐसी ही मुख्यमंत्री की बैठक में भी उपस्थित नहीं हुए थे. राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा है कि मंत्री चावल घोटाला के आरोपी हैं इसलिए मुख्यमंत्री की बैठक में वो शामिल नहीं होते.गौरतलब है कि नीतीश सरकार में ही सुधाकर सिंह पर चावल घोटाला किये जाने का आरोप लगा था .सुशील मोदी लगातार इसको लेकर हमलावर भी हैं.लेकिन सुधाकर सिंह का कहना है कि कृषि को लेकर बैठक होती रहती है. कुछ अधिकारियों के स्तर पर, कुछ हमारे स्तर पर और कुछ मुख्यमंत्री जी के स्तर पर। ये तो अनवरत प्रक्रिया है. आज मुख्यमंत्री जी बैठक कर रहे थे. दो दिन पहले मैंने बैठक की थी. जो लोग मेरी अनुपस्थिति की बात कर रहे हैं उनको सरकारों के कामकाज का तरीका नहीं पता होगा.

बता दें कि 2013 में सुधाकर सिंह पर चावल घोटाला का आरोप नीतीश सरकार में ही लगा था. इस वजह से नीतीश कुमार से उनके राजनीतिक रिश्ते बहुत बेहतर नहीं रहे हैं. सुधाकर सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं. जगदानंद सिंह भी नीतीश कुमार से खासे नाराज दिखते रहे हैं. वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. अभी वे राजद के विधायक हैं और कृषि मंत्री हैं.जाहिर है नीतीश कुमार के इच्छा से वो कैबिनेट में नहीं हैं.मज़बूरी में उन्हें नीतीश कुमार साथ लेकर चल रहे हैं.गौरतलब है कि नीतीश कुमार एक बेदाग़ नेता हैं और वो कभी भ्रष्टाचार से समझौता करते हुए नहीं दिखे हैं.गठबंधन की सरकार चलाने की मज़बूरी में उन्हें ऐसे दागी लोगों को अपने कैबिनेट में जगह देनी पड़ी है.

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