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जमुई : पांच सालों में चिराग ने विकास के लिए किए करोड़ों खर्च, क्या फिर बनेंगे सांसद?

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जमुई : पांच सालों में चिराग ने विकास के लिए किए करोड़ों खर्च, क्या फिर बनेंगे सांसद?

सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव में महज कुछ महीने बचे हैं. छोटी बड़ी सभी पार्टियां अपने-अपने क्षेत्र में जीत का दावा पेश करने में जुट गई हैं. जमुई से सांसद चिराग पासवान ने भी दुबारा जमुई से ही चुनाव लड़ने का दावा कर चुके हैं, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या जमुई की जनता चिराग के कार्यों से संतुष्ट है. क्या फिर से चिराग को सांसद बनाएगी? बता दें जमुई अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित संसदीय क्षेत्र है. 3 जिलों के विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर जमुई लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ. जमुई संसदीय क्षेत्र में मुंगेर का तारापुर, शेखपुरा का शेखपुरा और जमुई जिले का सिकन्दरा, जमुई, झाझा और चकाई विधानसभा क्षेत्र शामिल है.

बता दें जमुई लोकसभा क्षेत्र का बड़ा भू-भाग पड़ोसी राज्य झारखंड से सटा हुआ है. इस जिले के ज्यादातर जमीन पर जंगल और पहाड़ है. कई इलाकों में अब भी नक्सलियों का बोलबाला है. हालांकि हाल के वर्षों ने नक्सलियों की पकड़ यहां कमजोर हुई है. वहीं यहां की साक्षरता दर भी बेहद कम है. जिले में शिक्षा के लिए कोई बड़ा संस्थान नहीं है. 19 लाख आबादी वाले इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए मात्र 2 कॉलेज हैं. जो कॉलेज हैं वहां शिक्षकों के कई पद सालों से रिक्त हैं. जमुई जिले के किसी भी कॉलेज में पीजी की पढ़ाई नहीं होती. उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है.

2014 में इस क्षेत्र से सांसद चुने गए LJP नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान का दावा है कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में इस क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की पूरी कोशिश की. 5 साल में सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए मिले 25 करोड़ रुपये खर्च किए. झाझा में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना करवाई. जमुई जिले में मेडिकल कॉलेज खुलवाने की स्वीकृति दिलाई. सांसद निधि से जमुई संसदीय क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों पर 40 लाख रुपये खर्च किए.

रेलवे स्टेशन के सौदर्यीकरण के लिए 58 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई. जमुई में FCI के जोनल कार्यालय की शुरुआत हुई. जमुई स्टेशन पर हावड़ा-हरिद्वार एक्सप्रेस का ठहराव शुरू हुआ. पटना-झाझा EMU का देवघर तक विस्तार किया गया. सालों से लंबित बरनार जलाशय परियोजना पर काम शुरू हुआ. अपर किऊल जलाशय योजना और कुंडघाट जलाशय के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ. जबकि कई ऐसे छोटे बड़े काम किये गए हैं, जिससे जनता चिराग पासवान से खुश है.  लेकिन पिछले दिनों महागठबंधन को मजबूत करने की कांग्रेस और राजद की कोशिश कहीं चिराग को नुक्सान न पहुंचाये. ये तो आने वाले समय में साफ़ हो ही जायेगा.

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