JEE MAIN और NEET परीक्षा स्थगित करने की चिराग पासवान ने कर दी है मांग.
चिराग पासवान ने जनहित से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाकर शुरू की एक नयी राजनीतिक परंपरा .
सिटी पोस्ट लाइव : लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने JEE MAIN और NEET परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखे पत्र में चिराग ने सभी 25 लाख परीक्षार्थियों की चिंताओं से शिक्षा मंत्री को अवगत कराया है. चिराग ने कहा है कि JEE MAIN और NEET की परीक्षा कोरोना काल में कराने से छात्रों और अभिभावकों को परिवहन सुविधा मिलने में परेशानी होगी. इसके अलावा उन्हें अपने घरों से दूर परीक्षा केंद्रों पर जाने और वहां होटल में रूकने में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. लिहाजा, बेहतर परिवहन सुविधा, अतिरिक्त परीक्षा- केंद्र और बाढ़ का प्रभाव कम होने तक परीक्षा स्थगित की जाए.
एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने संसदीय क्षेत्र जमुई और बिहार के छात्रों के अलावा पूरे देश के बच्चों की होने वाली परेशानी का जिक्र अपने पत्र में किया है. गौरतलब है कि JEE की परीक्षा 1 सितम्बर से 6 सितम्बर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है. JEE और NEET की परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्र-छात्राओं के घरों में निजी वाहन नहीं है और सरकारी परिवहन सेवा ट्रेन और बस अधिकांश स्थानों पर सुचारु रुप से नहीं चल रहे हैं. चिराग ने अपने पत्र में कहा है कि परीक्षा में बैठने वाले बच्चे बेहद गरीब परिवार से भी आते हैं, जिनकी आंखों में कुछ बनने का सपना रहता है. ऐसे में वे सभी बच्चे बिना परिवहन सुविधा के परीक्षा केंद्र कैसे जा पाएंगे ?
शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम है. ऐसे में बिहारी बच्चे कैसे निजी परिवहन सुविधा का इस्तेमाल कर पाएंगे ? उधर, बिहार समेत देश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे वहां के बच्चे मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाकों से परीक्षा- केंद्र पहुंचना खुद में एक परीक्षा है. अभिभावकों की चिंता से भी सहमति जताते हुए चिराग पासवान ने कहा है कि परीक्षा दो शिफ़्ट में है. सुबह की परीक्षा में बैठने के लिए एक दिन पहले परीक्षा-केंद्र के पास कहीं रुकना पड़ेगा, लेकिन होटल की भी सुविधा अधिकांश जगहों पर उपलब्ध नहीं है.
शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में चिराग पासवान ने कहा है कि परीक्षाओं में बैठने वाले सभी बच्चों की उम्र 17 से 19 वर्ष होती है, जिसके कारण इनके अभिभावक भी परीक्षा केंद्र तक इनके साथ जाते हैं. ऐसे में देश भर में एक बड़ी आबादी इस वक्त कोरोना से संक्रमित हो सकती है. चिराग ने आशंका जताई है कि JEE और NEET के परीक्षा में लगभग 25 लाख बच्चे शामिल होंगे और लगभग 1.5 करोड़ लोग इससे प्रभावित होंगे. चिराग पासवान ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से उम्मीद जताई है कि इस विषय पर हर राज्य से मौजूदा हालात पर रिपोर्ट मंगवा कर सभी छात्रों के हितों की रक्षा करेंगे.
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