अब बिहार में मंडरा रहा डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा, सरकार हु सतर्क
सिटी पोस्ट लाइव : बारिश होने से गर्मी की तपिश कम होने से बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरनेवाले बच्चों की संख्या में बहुत कमी आई है. बारिश के साथ ही इस बीमारी पर प्राकृतिकरूप से रोक तो लग गई है लेकिन दूसरी तरफ डेंगू और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी का ख़तरा बढ़ गया है. स्वास्थ्य महकमा ईन बीमारियों से निबटने को लेकर अभी से युद्ध स्तर पर तैयारी में जुट गया है. बिहार सरकार इन बीमारियों को लेकर सतर्क हो गई है.
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों के अनुसार जुलाई महीने को ऐंटी डेंगू मंथ के रूप में मनाने का निर्देश सभी जिलों के अधिकारियों को जारी कर दिया गया है. स्वास्थ्य महकमे से जुड़े अधिकारियों और डॉक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी डेंगू से निपटने के लिए डेंगू जांच किट एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने को कहा गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के 10 जिले पटना, नालंदा, सीवान, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और गया डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति के अनुसार इन जिलों में बीते साल बरसात के दिनों में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आए थे. इस बीमारी से बचाव के लिए जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी डेंगू से निपटने के लिए डेंगू जांच किट एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने को कहा गया है.
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अबतक डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चे मर चुके हैं.इस बीमारी की असली वजह क्या है, आजतक इससे सरकार अनजान है. राम भरोसे बच्चों का ईलाज चल रहा है. ईलाज की बदौलत इस बीमारी पर तो काबू नहीं पाया जा सका लेकिन अब बारिश के मौसम में तपिश कम होने की वजह से राहत की उम्मीद की जा रही है.
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