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IAS पाठक के बयान की जांच करेंगे मुख्य सचिव: मुख्यमंत्री.

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सिटी पोस्ट लाइव :अपनी ईमानदारी और काम की वजह से ऑपरेशन मास्टर के नाम से चर्चित IAS अधिकारी केके पाठक की मुश्किलें बढनेवाली है. बिहार के लोगों और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ अपशब्द कहते हुए उनका वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने जांच का आदेश दे दिया है.उनके विवादास्पद बयान की जांच की जिम्मेदारी मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को सौंपी गई है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मामले को लेकर मुख्य सचिव व अन्य अधिकारी देख रहे हैं. इसकी जांच कराई जाएगी.

सचिवालय थाने में केके पाठक के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को सभी सरकारी कार्यालयों में काला बिल्ला लगाकर काम किया. मुख्यालय सहित पूरे राज्य में दोपहर डेढ़ बजे बासा अधिकारियों ने केके पाठक की मानसिक शुद्धि के लिए तीन मिनट का मौन रखा. बासा ने आरोप लगाए कि पाठक बिपार्ड (बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान) के महानिदेशक के पद का दुरुपयोग कर रहे हैं.प्रशिक्षु पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रशिक्षण के दौरान अनुशासनहीनता, अमर्यादित व्यवहार किया जा रहा है. बासा केके पाठक को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करता है.

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सह बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक और बासा के बीच विवाद की शुरुआत अक्टूबर माह से हुई थी. यह बासा का निबंधन रद होने के बाद और गहरा हो गया. बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के गया परिसर में दो अक्टूबर से बासा पदाधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा था.बिपार्ड के अनुसार, बासा के प्रशिक्षुओं ने लगातार अमर्यादित व्यवहार करते हुए अनुशासन तोड़ने का प्रयास किया. आइआइएम अहमदाबाद से आए फैकल्टी का भी बहिष्कार किया गया. इस बीच में एक बार प्रशिक्षण तो रुका ही, पदाधिकारियों को उकसाने के आरोप में 28 जनवरी को बासा का निबंधन भी रद कर दिया गया. इसके बाद बासा खुलकर केके पाठक के विरोध में आ गया और मनमानी का आरोप लगाने लगा.

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