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टीपीएस कॉलेज परिसर में स्वर्गीय ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का मुख्यमंत्री ने किया अनावरण

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सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज टी0पी0एस0 कॉलेज में आयोजित प्रतिमा अनावरण सह उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने टीपीएस कॉलेज परिसर में स्वर्गीय ठाकुर प्रसाद सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण किया एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक भवन के मुख्य तल, एनिमल हाउस के दूसरे तल, परीक्षा भवन के दूसरे तल, मुख्य भवन के तीसरे तल पर वर्ग कक्ष, पुस्तकालय भवन के दूसरे तल, विज्ञान भवन के दूसरे तल पर वर्ग कक्ष एवं पूर्ण रुप से जीर्णोद्धार किये गये विज्ञान भवन का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के विभिन्न भवनों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने एडवांस रिसर्च लाइब्रेरी के इक्यूवेशन एण्ड एनिमल रेयरिंग रुम, सेल कल्चर लाइब्रेरी एवं इस्टूमेंटल रुम जाकर विस्तृत जानकारी ली।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत टी0पी0एस0 कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने शॉल, प्रतीक चिन्ह एवं पौधा भेंट कर किया। मुख्यमंत्री ने शीन मुजफ्फरपुरी पर उर्दू में लिखी गयी पुस्तक एवं आई0क्यू0ए0सी0 न्यूज बुलेटिन का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम की शुरुआत में एन0सी0सी0 के कैडेटों ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी, पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र प्रताप सिंह, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 गिरीश कुमार चैधरी, टी0पी0एस0 कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो0 उपेन्द्र प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण, छात्रगण एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने गोपालगंज जहरीली शराब कांड में न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दिये जाने से संबंधित पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2016 में जब शराबबंदी लागू की गई थी, उसी वर्ष गोपालगंज जिले में यह घटना हुई थी। जहरीली शराब पीने के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय भी हमने लोगों को सचेत करते हुए कहा था कि अगर जहरीली शराब पीजिएगा तो मृत्यु का शिकार हो जाइयेगा। इसलिए कभी किसी की गलत बातों पर भरोसा नहीं कीजिएगा। उन्होंने कहा कि गोपालगंज घटना की पूरी तरह से जांच की गई जिसके आधार पर न्यायालय ने दोषियों को सजा दी है, यह बड़ी बात है। यह समझना चाहिए कि शराबबंदी लोगों के हित में है। बिहार की महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई। युवक-युवतियों की भी यही इच्छा थी। जिस घर में लोग शराब पीते थे, उस घर में काफी परेशानी थी।

इन सबको ध्यान में रखते हुए बिहार में शराबबंदी लागू हुई। शराबबंदी से समाज में स्थिति बेहतर हुई है। हमलोग जब शराबबंदी को लेकर अभियान चला रहे थे तो उस दौरान एक महिला ने कहा था कि मेरे पति जब शराब पीते थे, शाम में घर आकर झगड़ा करते थे और देखने में क्रूर लगते थे लेकिन जब से शराबबंदी लागू हुई है, अब शाम को घर आते हैं तो बाजार से सब्जी खरीदकर लाते हैं, मुस्कुराते हैं और अब देखने में भी अच्छे लगते हैं। उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं से अब भी जहरीली शराब पीने की घटना सामने आती हैं। ऐसे मामलों की पूरी गहराई से जांच कर उस पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि हम सबसे आग्रह करेंगे कि शराबबंदी को लेकर गंभीर रहें इसमें मेरा कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं है।

बापू भी शराबबंदी के पक्ष में थे। समाज में कुछ न कुछ गड़बड़ करने वाले लोग भी होते हैं शत प्रतिशत आदमी सही नहीं हो सकता है। शराबबंदी को लेकर लोगों को लगातार अभियान चलाते रहना चाहिए, इस पर सबों को नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी सजा मिलने से लोगों में डर होगा कि अगर वे गड़बड़ी करेंगे तो उन्हें भी कड़ी सजा मिलेगी। इस तरह की सजा से लोगों पर इसका व्यापक असर पड़ेगा। शराबबंदी को लेकर हम लगातार समीक्षा करते रहते हैं। हमने तय कर दिया है कि प्रतिदिन गृह विभाग, डी0जी0पी0 एवं मद्य निषेध विभाग के वरीय पदाधिकारी इसकी रिपोर्ट लेंगे और उस आधार पर कार्रवाई करेंगे। ऐसा प्रतिदिन किया भी जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम युवा अवस्था से ही टी0पी0एस0 कॉलेज को जानते हैं। औपचारिक रुप से आज आने का निमंत्रण मिला तो यहां आकर अच्छा लगा। कुछ सरकार के सहयोग से और कुछ इन लोगों ने अपनी तरफ से टी0पी0एस0 कॉलेज में बिल्डिंग बनायी है। जिनके नाम से यह कॉलेज बनाया गया है उनकी पत्नी ने इसका निर्माण करवाया था। स्वर्गीय ठाकुर प्रसाद सिंह जी की मूर्ति को भी स्थापित किया गया है, जिसका आज मुझे अनावरण करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कॉलेज के कई सेक्टरों को दिखाया है जहां कई प्रकार के कार्य और अनुसंधान किये जा रहे हैं।

यहां 7,000 स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं। यहां पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई के साथ ही अनुसंधान भी हो रहा है। मुझे यह सब देखकर अच्छा लगा है। इस इंस्टीट्यूशन को और बेहतर ढंग से चलाने में सरकार की तरफ से अगर कोई और सहयोग की जरुरत होगी तो हमलोग करेंगे ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो। हम यहां के शिक्षकों, विद्यार्थियों, रिसर्चरों को इस अवसर पर विशेष तौर पर बधाई देते हैं। मंत्री मुकेश सहनी को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि लोगों को सारी बातों की जानकारी नहीं होती है।  मुकेश सहनी जी ने महसूस किया है कि उनसे चूक हुई है। उन्होंने इसके संबंध में पत्रकारों को सारी बातें बता दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी या परिवार को कोई व्यक्ति सरकारी कार्यक्रम में आपकी जगह चला जाये यह ठीक नहीं है।

कोई भी सरकारी कार्यक्रम में जा सकता है, देख सकता है लेकिन औपचारिक रुप से इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं होनी चाहिये। कार्यक्रम में जो भूमिका आपको निभानी है वो कोई दूसरा नहीं निभा सकता है। यह सारी बातें हो गई हैं। मुकेश सहनी जी ने सारी बातें मान ली हैं। मुझे मालूम नहीं था, विधान सभा में ही मुझे कल एक प्रेस नोट के माध्यम से इसकी जानकारी मिली। मुझे इन सब बातों को जानकर आश्चर्य हुआ था। उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी जी ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की थी। इसको लेकर उनको कोई आइडिया नहीं था। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उनसे अब कोई गलती नहीं होगी। जिन लोगों ने इस सवाल को उठाया है उनको भी धन्यवाद देते हैं कि यह बात सामने आने से सारी बातों का पता चल गया। अब इस बात को आगे बढ़ाने की जरुरत नहीं है। श्री मुकेश सहनी जी को खुद इसका एहसास हो गया है। अब उनको क्षमा कर देनी चाहिए।

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