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मुख्यमंत्री आदिवासी संथाल सरना धर्म महा सम्मेलन में शामिल हुए

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मुख्यमंत्री आदिवासी संथाल सरना धर्म महा सम्मेलन में शामिल हुए

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : मरांग बुरु सभी का कल्याण करें, समृद्धि से राज्य लोग आच्छादित हों। यही कामना लेकर आशीर्वाद लेने आया हूं। उनके लिए जो अभाव की जिंदगी जी रहें उनके जीवन मे बदलाव आए, और मान्यता है और मुझे विश्वास है कि मरांग बुरु से सच्चे मन से मांगा की गई याचना जाया नहीं जाती। मेरी भी नहीं जाएगी। झारखण्ड के गरीबों के दिन जरूर बहुरेगे, उस निमित सरकार कार्य कर रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही। श्रीदास शुक्रवार को बोकारो के ललपनिया स्थित लुंगुबुरु घाटा बाड़ी धोरोम गाढ़ में आयोजित आदिवासी संथाल सरना धर्म महा सम्मेलन में बोल रहे थे। श्री दास ने कहा यही वजह है कि सीधा सरल संथाल समाज जो हमारे समक्ष आज उपस्थित हैं उनकी स्नेह धारा ही हमारी विरासत है जिसे हमें सहेज कर रखना है।

मेरा मन यहां की प्राकृतिक छटा ने मोहा था, लेकिन पीड़ा भी हुई थी

मुख्यमंत्री ने कहा कि लुगु पहाड़ का यह पवित्र स्थल को प्रकृति ने बहुत खूबसूरती से सजाया है। जब मैं यहां आया था तब इस स्थल की खूबसूरती और श्रद्धालुओं के आस्था ने मेरा मन मोहा था। लेकिन पीड़ा भी हुई थी कि श्रद्धालु खुले आकाश के नीचे रहने को विवश थे। अब उस स्थिति में बदलाव आया है हमने टेंट सिटी का निर्माण किया और श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की। आज उनसे बात कर मन प्रफुल्लित हो उठा। आपके द्वारा कहे गए शब्द, धन्यवाद झारखण्ड सरकार* ने हमारे प्रयास को सार्थक कर दिया।

राज्य सरकार कराएगी तीर्थ स्थल के दर्शन, यह हमारा सौभाग्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल समाज के लिए लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोम गाढ़ तीर्थ स्थल है। समाज के लोग जीवन मे एक बार इस स्थल आकर खुद को धन्य करना चाहते हैं, लेकिन समाज में कई ऐसे परिवार हैं जो आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से लुगु पहाड़ नहीं आ पाते। ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर तीर्थ दर्शन योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं को लुगु पहाड़ दर्शन हेतु लाया गया। सरकार ने करीब 50 लाख की राशि समाज के लोगों को सुविधा प्रदान करने में की है। सरकार की योजना है कि इस स्थल को सांस्कृतिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की। यह सरकार का सौभाग्य है कि हमें यह कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।

समाज का विकास कैसे हो इसका चिंतन करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह समुद्र मंथन से अमृत निकला था, उस प्रकार इस दो दिवसीय धर्म सम्मेलन में कोई संजीवनी निकले। ताकि आदिवासियों के जीवन मे बदलाव आ सके। आप चिंतन करें। ताकि आने वाली पीढ़ी लाभान्वित हो और अपनी धर्म, संस्कृति, परंपरा और भाषा को अक्षुण्ण रखने के प्रति कृतसंकल्पित रहे। मैं धन्यवाद देता हूं प्रबंधन समिति के सदस्यों को जिन्होंने ऐसा समागम किया जो अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा को अक्षुण्ण रखने की प्रेरणा देता हो एवं संथाल की संस्कृति को दर्शाने का कार्य समिति द्वारा किया गया।

आदिवासी कल्याण हेतु सरकार तत्पर

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में आदिवासी समाज को प्रदत विशेष दर्जा देने के प्रावधान को ध्यान में रखकर , संविधान की भावना को तवज्जों देते हुए आदिवासी कल्याण के कार्य किये जा रहें हैं जो अब परिलक्षित भी हो रहा है। राज्य के वीर आदिवासियों ने गांधी जी से पहले आजादी की लड़ाई लड़ी थी। लेकिन आजादी के बाद उनकी शहादत को याद नही किया गया। प्रधानमंत्री जी ने पहली बार लाल किला से धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को नमन किया। साथ ही 25 करोड़ की राशि प्रदान की ताकि जिस कारागार में धरती आबा ने अपने आखिरी दिन गुजारे थे उस परिसर में उनकी प्रतिमा लगाई जाए। यही नहीं उस परिसर में झारखण्ड के सभी शहीदों की प्रतिमा लगेगी ताकि आने वाली पीढ़ी, देश और दुनिया के लोग झारखण्ड के वीर शहीदों के संबंध में जान सकें उनसे प्रेरणा ले सकें।

अपनी भाषा और संस्कृति पर हमें गर्व होना चाहिये*

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आकर मैंने देखा कि संथाल समाज के लोग अपनी भाषा में संबोधित कर रहें हैं और ऐसा करना भी चाहिए। हमें अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। यही उद्देश्य से संथाली भाषा में सरकार 1से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई में प्रदान करेगी ताकि बच्चे अपनी मातृ भाषा में ज्ञान अर्जित कर सकें। साथ ही अपने धर्म और संस्कृति को जीवंत रखने वाले धर्मगुरू, मानकी मुंडा, ग्राम प्रधान, परगाइनैत व अन्य को सरकार द्वारा 1 हजार रुपये प्रदान किया जा रहा है। अब वे भी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करें।

समय के साथ चलना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति के साथ विकास पर भी चर्चा होना चाहिए। समाज के बच्चों को शिक्षा इसे आच्छादित करना लक्ष्य तय करें। समय के साथ चलें, क्योंकि बच्चों के सपने पूरा करने के लिए यह समय की मांग है। इस कार्य में बेटा बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए। क्योंकि बेटियां देश मान सम्मान दोनों बढ़ा रहीं हैं। जल्द सरकार बच्चियों के जन्म के साथ उन्हें योजना से जोड़ेगी।

लोभ, लालच देने वालों से सचेत रहने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी शक्तियां आदिवासी परंपरा और संस्कृति को लोभ और लालच देकर छिन्न करने का प्रयास कर रही है। ऐसे लोगों की पहचान करने की जरूरत है। महात्मा गांधी भी धर्मान्तरण के खिलाफ थे, उनकी भावना को सम्मान देते हुए राज्य सरकार ने धर्मान्तरण कानून लाया। ऐसा करने वाले सजा और आर्थिक दंड के भागी होंगे। युवा वर्ग इस ओर विशेष ध्यान दे। आपको अपने धर्म, परंपरा, भाषा और संस्कृति को सहेजना है।

आपको मूलभूत सुविधा देना हमारा लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर बिजली, गरीबों को आवास, सभी को शौचालय, सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करना सरकार का लक्ष्य है। दिसंबर 2018 तक राज्य के सुदूरवर्ती गांव घर तक बिजली पहुंचेगी, 2022 तक सभी घरों तक पाइपलाइन का माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुचेगा। गरीबों को आवास प्रदान किया जा रहा है। स्वच्छता हेतु हर घर शौचालय निर्माण की प्रक्रिया अपने चरम पर है। इस अवसर पर गिरिडीह सांसद श्री रविंद्र कुमार पांडेय, बोकारो विधायक श्री बिरंचि नारायण, घाटशिला विधायक श्री लक्ष्मण टुडू, बेरमो विधायक, पूर्व मंत्री श्री हेमलाल मुर्मू, 20 सूत्री उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण नायक, उपायुक्त बोकारो, पुलिस अधीक्षक बोकारो व अन्य उपस्थित थे।*

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