सिटी पोस्ट लाइव :अब बहुत जल्द JDU और RJD के बीच चुनावी दंगल होनेवाला है. पार्टी को राष्ट्रिय दर्जा दिलाने के लिए JDU नागालैंड चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतर रहा है.लेकिन मुश्किल ये है कि यहाँ उसका सामना कई सीटों पर RJD के साथ होनेवाला है.नगालैंड विधानसभा के चुनाव में दोनों दल वहां आमने-सामने होंगे. 60 सदस्यीय विधानसभा में 14 से अधिक सीटों पर चुनाव JDU और एक दर्जन सीटों पर RJD चुनाव लडेगा.कई सीटों पर एक दुसरे के उम्मीदवार आमने सामने होगें.
बिहार में एकसाथ सरकार चलानेवाले दोनों सहयोगी दलों के बीच टकराव की आशंका इसलिए, क्योंकि दोनों दल उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे, जहां बिहार-यूपी के वोटरों की बहुलता है. 2003, 2008, 2013 और 2018 में जदयू वहां चुनाव लड़ चुका है. तीन चुनावों में उसके अधिकतम तीन उम्मीदवार जीते भी थे. नगालैंड में 30 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ है। 27 फरवरी को मतदान है.नीतीश कुमार नागालैंड में चुनाव लड़ने की तैयारी पहले से ही कर रहे हैं.वहां नगालैंड में बसे बिहार के लोगों के सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं.
नगालैंड के विधानसभा चुनाव में बिहार की पार्टियां लंबे समय से दिलचस्पी ले रही हैं. लेकिन, आंशिक सफलता सिर्फ जदयू को ही मिल पाई है. 2003 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के दो और समता पार्टी के एक उम्मीदवार जीते थे. समता का जनता दल में विलय हो गया.जदयू के नाम से नई पार्टी बनी. 2008 के चुनाव में उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. 2013 और 2018 के विस चुनाव में जदयू के एक-एक उम्मीदवार जीते.
RJD के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक के अनुसार राजद और जदयू के नगालैंड के अध्यक्ष आपस में बातचीत कर रहे हैं. कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और पार्टी के महासचिव भोला यादव 24-25 जनवरी को नगालैंड जा रहे हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही उम्मीदवार और सीट के बारे निर्णय होगा.लेकिन जदयू के विधान पार्षद और पूर्वोत्तर के संगठन प्रभारी आफाक अहमद खान के अनुसार चुनाव से पहले राजद के साथ समझौते की गुंजाइश नहीं है.
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