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कुपोषण से मुक्ति के लिए केंद्र सरकार 312करोड़ उपलब्ध कराये: हेमंत सोरेन

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 15वें वित्त आयोग की वर्ष 2020-21 के लिए की गयी अनुशंसा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कुपोषण से मुक्ति के लिए झारखंड को 312 करोड़ रुपये मुहैय्या कराने का आग्रह किया है।

 

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि कुपोषण की गंभीर समस्या को देखते हुए पूरक पोषाहार कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लिए सामान्य आवंटन के अतिरिक्त 7735करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन देने की अनुशंसा की गयी है। आयोग ने इस कार्य के लिए झारखंड को 312 करोड़ रुपये आवंटित करने की अनुशंसा की है। उन्होंने बताया कि एनएफएचएस-4 सर्वे में झारखंड राज्य के लिए कुपोषण की जो तस्वीर आयी है,उसमें 0 से 6वर्ष तक के बच्चों में प्रत्येक दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। 45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के है। 29 प्रतिशत बच्चे दुबले-पतले होते हैं। 11.3प्रतिशत बच्चे अत्यंत कुपोषण के शिकार है और 40.3प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित है। इस समस्या की राज्य सरकार ने गंभीरता से अपनी प्राथमिकता में रखते हुए भारत सरकार के कार्यक्रमों के अलावा अपने सीमित संसाधनों से कुपोषण की समस्या से लड़ने का निर्णय लिया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिए अपने संसाधनों से 3 से 6वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अतिरिक्त इच्छुक बच्चों को अंडा और अन्य बच्चों को समकक्ष प्रोटीनयुक्त भोजन देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में बहुतायत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्य निवास करते है और इस कुपोषण का सीधा संबंध इस समुदाय में देखा गया है।

 

उन्होंने कहा कि जहां तक राज्य सरकार को जानकारी प्राप्त है, 15वें वित्त आयोग के द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए अनुशंसित 312 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त करने के संबंध में भारत सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह राशि प्राप्त होने से कुपोषण के खिलाफ लड़ी जा रही लडत्राई में राज्य सरकार को काफी सहयोग मिलेगा। इसलिए 312 करोड़ रुपये एवं अग्रेत्तर वर्षां के लिए राशि विमुक्त करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्देशित करने का आग्रह है।

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